Chhattisgarh Chunav: छत्तीसगढ़ की वो विधानसभा सीट जहां BJP ने कभी नहीं चखा जीत का स्वाद

Last Updated 27 Oct 2023 04:31:33 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (BJP) उन नौ सीट पर अधिक जोर लगा रही है जहां वह इस राज्य के गठन के बाद कभी भी नहीं जीत सकी है।


छत्तीसगढ़ में सीतापुर, पाली-तानाखार, मरवाही, मोहला-मानपुर, कोंटा, खरसिया, कोरबा, कोटा और जैजैपुर ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां 15 वर्ष तक शासन करने के बाद भी भाजपा को कभी सफलता नहीं मिली। इनमें से सीतापुर, पाली-तानाखार, मरवाही, मोहला-मानपुर और कोंटा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है, जबकि अन्य चार सामान्य वर्ग की सीट हैं।

वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ का गठन होने के बाद राज्य में 2003 में विधानसभा का पहला चुनाव हुआ था। तब भाजपा ने अजीत जोगी की सरकार को पराजित कर सरकार बनाई थी। बाद में पार्टी ने 2008 और 2013 में भी जीत हासिल की।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के विजय रथ को रोककर रमन सिंह के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया। कांग्रेस ने इस चुनाव में 90 सदस्यीय विधानसभा में से 68 सीट जीती थी।

अब पांच वर्ष बाद एक बार फिर चुनाव का बिगुल बज चुका है और मुख्यत: दोनों दल आमने-सामने हैं। विधानसभा के लिए दो चरणों में सात और 17 नवंबर को मतदान होगा।

भाजपा को इस बार उम्मीद है कि वह इन नौ सीट को जरूर जीतेगी। पार्टी ने इनमें से छह सीट पर नए चेहरों को अपना उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा सांसद और पार्टी की चुनाव अभियान समिति के संयोजक संतोष पांडे ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘भाजपा ने उन सीट पर उम्मीदवारों के चयन पर विशेष ध्यान दिया है जिन पर वह कभी नहीं जीती है। सभी उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों में पूरे उत्साह के साथ प्रचार कर रहे हैं और उन्हें लोगों से भारी समर्थन मिल रहा है।’’

 

भाषा
रायपुर


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