परिसीमन पर सियासत तेज, स्टालिन बोले कानून का सहारा लेंगे

Last Updated 23 Mar 2025 08:08:07 AM IST

लोकसभा परिसीमन पर तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) समर्थित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की पहली बैठक में ‘निष्पक्ष परिसीमन’, प्रतिनिधित्व न खोने और सीटों की संख्या निर्धारित करने के लिए जनसंख्या को पैमाना बनाने के खिलाफ लड़ने की राजनीतिक आम सहमति बनी है।


केंद्र की ओर से संसदीय सीटों के प्रस्तावित परिसीमन के बीच द्रमुक ने शनिवार को राज्यों की पहली संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक आयोजित की जिसमें मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने स्पष्ट किया कि इस लड़ाई में कानून का भी सहारा लिया जाएगा। बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि लोकसभा सीटों का परिसीमन ‘डेमोक्लीज़ की तलवार’ की तरह है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बिना किसी परामर्श के इस मुद्दे पर आगे बढ रही है।

‘डेमोक्लीज़ की तलवार’ वाक्यांश का इस्तेमाल अकसर सत्ता में बैठे लोगों के सामने आने वाले जोखिम को दर्शाने के लिए या किसी अनिश्चित स्थिति में आशंका की भावना को दर्शाने के लिए किया जाता है। विजयन ने कहा, ‘‘अचानक उठाया गया यह कदम संवैधानिक सिद्धांतों या लोकतांत्रिक अनिवार्यताओं से प्रेरित नहीं है बल्कि संकीर्ण राजनीतिक हितों से प्रेरित है।’’

विजयन ने कहा, ‘‘अगर जनगणना के बाद परिसीमन किया जाता है तो उत्तरी राज्यों की सीटों में बढोतरी होगी, जबकि दक्षिणी राज्यों की सीटों में कमी आएगी। दक्षिण के लिए सीटों में कटौती और उत्तर के लिए सीटों में बढोतरी भाजपा के लिए फायदेमंद होगी क्योंकि उत्तर में उसका प्रभाव अधिक है।’’

मुख्यमंत्री स्टालिन ने यहां बैठक को संबोधित करते हुए राजनीतिक और कानूनी कार्ययोजना तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का समर्थन किया। उन्होंने समिति का नाम ‘निष्पक्ष परिसीमन के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति’ रखने का प्रस्ताव रखा और राजनीतिक लड़ाई को आगे बढाने के साथ ही कानून का सहारा लेने पर भी विचार मांगे।

स्टालिन ने कहा, ‘‘हम परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं, हम निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं। अधिकार बने रहें, इसके लिए निरंतर कार्रवाई बहुत जरूरी है।’’ जेएसी के बारे में उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता पैदा करना और केंद्र से आग्रह करना बहुत जरूरी है।

भाषा
चेन्नई


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment