पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन, राष्ट्रपति मुर्मू-PM मोदी समेत दुनिया भर के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दिल्ली एम्स में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राहुल गांधी समेत तमाम शीर्ष नेताओं ने उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की।
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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में यहां एम्स में निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद गुरुवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एम्स ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि उन्हें शाम 8.06 पर एम्स के मेडिकल इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उम्र से संबंधित बीमारियों के लिए उनका उपचार चल रहा था और घर पर वह अचानक बेहोश हो गए थे। उन्होंने गुरुवार रात 9.51 बजे अंतिम सांस ली।
मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक दो बार प्रधानमंत्री रहे थे। उनकी गिनती देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में होती थी।
राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अर्थव्यवस्था में मनमोहन सिंह के योगदान को किया याद
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संवेदना व्यक्त की और देश के आर्थिक सुधारों में उनके योगदान को याद किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह उन राजनेताओं में से थे, जिन्होंने शिक्षा और प्रशासन की दुनिया में समान रूप से सहजता से काम किया। उन्होंने सार्वजनिक कार्यालयों में अपनी विभिन्न भूमिकाओं में भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी राष्ट्र के प्रति सेवा, उनका बेदाग राजनीतिक जीवन और उनकी अत्यधिक विनम्रता के लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे। हम सभी के लिए उनका निधन एक बड़ी क्षति है। भारत के महानतम सपूतों में से एक को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के लिए संवेदना व्यक्त करती हूं।"
Former Prime Minister Dr Manmohan Singh Ji was one of those rare politicians who also straddled the worlds of academia and administration with equal ease. In his various roles in public offices, he made critical contributions to reforming Indian economy. He will always be…
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 26, 2024
पीएम मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा है- भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है। साधारण परिवार से उठकर वह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने. उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर एक मजबूत छाप छोड़ी।
Dr. Manmohan Singh Ji and I interacted regularly when he was PM and I was the CM of Gujarat. We would have extensive deliberations on various subjects relating to governance. His wisdom and humility were always visible.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
In this hour of grief, my thoughts are with the family of… pic.twitter.com/kAOlbtyGVs
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने वाले प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। पद्म विभूषण से सम्मानित और 1991 में भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार, उन्होंने साहसपूर्वक हमारे देश को एक महत्वपूर्ण बदलाव के माध्यम से आगे बढ़ाया, जिससे विकास और समृद्धि के नए रास्ते खुले।"
उन्होंने आगे कहा, "भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में मुझे डॉ. मनमोहन सिंह के साथ उनके आवास पर सार्थक, व्यावहारिक बातचीत करने का सौभाग्य मिला। अर्थव्यवस्था की उनकी गहन समझ, सौम्य व्यवहार और देश की प्रगति के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता हमेशा मेरी यादों में अंकित रहेगी। उनके निधन से भारत ने एक महान बुद्धिजीवी और एक उत्कृष्ट राजनेता को खो दिया है। उनकी विरासत हमेशा भारत के विकास पथ का मार्गदर्शन करेगी। इस कठिन घड़ी में उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।"
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
राहुल गांधी ने 'एक्स' पर लिखा, "मनमोहन सिंह जी ने बहुत ही बुद्धिमत्ता और ईमानदारी के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने पूरे देश को प्रेरित किया। श्रीमती (गुरशरण) कौर और उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। मैंने एक गुरु और मार्गदर्शक खो दिया है। हममें से लाखों लोग जो उनके प्रशंसक थे, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद करेंगे।"
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "निस्संदेह, इतिहास आपके साथ विनम्रता से न्याय करेगा, डॉ. मनमोहन सिंह जी! पूर्व प्रधानमंत्री के निधन से भारत ने एक दूरदर्शी राजनेता, एक बेदाग निष्ठावान नेता और एक अद्वितीय कद के अर्थशास्त्री को खो दिया है। आर्थिक उदारीकरण और अधिकार-आधारित कल्याण प्रतिमान की उनकी नीति ने करोड़ों भारतीयों के जीवन को गहराई से बदल दिया, वस्तुतः भारत में एक मध्यम वर्ग का निर्माण किया और करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला।
"मैं एक आजीवन वरिष्ठ सहयोगी, एक सौम्य बुद्धिजीवी और एक विनम्र व्यक्तित्व के नुकसान पर शोक व्यक्त करता हूं, जिन्होंने भारत की आकांक्षाओं को मूर्त रूप दिया, जो अटूट समर्पण के साथ ऊपर उठे। मुझे श्रम मंत्री, रेल मंत्री और समाज कल्याण मंत्री के रूप में उनके मंत्रिमंडल का हिस्सा होने पर गर्व है। वह शब्दों की बजाय काम करने वाले व्यक्ति थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अपार योगदान हमेशा भारतीय इतिहास के पन्नों में अंकित रहेगा।
"दुख की इस घड़ी में, मैं उनके परिवार, दोस्तों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी और हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्हें इस भारी नुकसान से उबरने की शक्ति मिले। भारत के विकास, कल्याण और समावेशिता की नीतियों को आगे बढ़ाने की उनकी स्थायी विरासत को हमेशा संजो कर रखा जाएगा। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं केरल की वायनाड से लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी ने 'एक्स' पर लिखा, "राजनीति में बहुत कम लोग सरदार मनमोहन सिंह जी जैसा सम्मान पाते हैं। उनकी ईमानदारी हमेशा हमारे लिए प्रेरणास्रोत रहेगी और वह हमेशा उन लोगों के बीच खड़े रहेंगे जो इस देश से सच्चा प्यार करते हैं, क्योंकि वह अपने विरोधियों द्वारा अनुचित और गहरे व्यक्तिगत हमलों के बावजूद राष्ट्र की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहे। वह वास्तव में समतावादी, बुद्धिमान, दृढ़ इच्छाशक्ति वाले और अंत तक साहसी रहे। वह राजनीति की कठिन दुनिया में एक अद्वितीय गरिमामय और सज्जन व्यक्ति थे।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन अत्यंत दुखद एवं भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति है। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश की शासन व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल परिजनों तथा समर्थकों को यह अथाह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "मुझे डॉ. मनमोहन सिंह को 1991 से जानने का सौभाग्य मिला है, जब वह असम से पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे। एक ऐसा राज्य, जिसका उन्होंने 28 वर्षों तक प्रतिनिधित्व किया। डॉ. साहब विनम्रता के प्रतीक थे और वह कभी सत्ता के मोह में नहीं झुके। उनके साथ मेरी सभी बातचीत में उनकी सादगी और शालीनता, उनके बौद्धिक कौशल के साथ हमेशा सामने आई। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मुझे असम से संबंधित मुद्दों पर उनसे बातचीत करने का अवसर मिला और उन्होंने हमेशा हमें धैर्यपूर्वक सुना और सामाजिक मुद्दों के प्रति दृढ़ विश्वास दिखाया। विभाजन के बाद के भारत में साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर राष्ट्र की सेवा की। उनके निधन से राष्ट्र ने एक महान देशभक्त, एक असाधारण विद्वान, एक अपरंपरागत राजनीतिज्ञ और एक बेहतरीन राजनेता खो दिया है।"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन दुःखद है। वह एक कुशल राजनेता एवं अर्थशास्त्री थे। उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए प्रार्थना है।"
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मनमोहन सिंह के निधन पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आकस्मिक निधन से मैं बहुत स्तब्ध और दुखी हूं। मैंने उनके साथ काम किया था और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें बहुत करीब से देखा था। उनकी विद्वता और बुद्धिमत्ता पर कोई सवाल नहीं था और देश में उनके द्वारा शुरू किए गए वित्तीय सुधारों की गहराई को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। देश को उनकी देखरेख की कमी खलेगी और मुझे उनके स्नेह की कमी खलेगी। उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आधिकारिक एक्स हैंडल पर सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की ओर से उनके निधन पर शोक व्यक्त किया गया है। पोस्ट में कहा गया, "भारत के पूर्व प्रधानमंत्री तथा देश के वरिष्ठ नेता डा. सरदार मनमोहन सिंह के निधन से समूचा देश अतीव दुःख का अनुभव कर रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनके परिवार तथा असंख्य प्रियजनों को गहरी संवेदना व्यक्त करता है। डॉ. मनमोहन सिंह ने सामान्य पृष्ठभूमि से आकर भी देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित किया। सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. सिंह का भारत के प्रति योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करे।"
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुःख हुआ। वह अद्वितीय बुद्धि के धनी राजनेता थे, उनके नेतृत्व और दूरदर्शिता ने हमारे राष्ट्र पर अमिट छाप छोड़ी। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही मैं पहली बार कर्नाटक का मुख्यमंत्री बना। हमारे बजटीय उपायों को लेकर उनके प्रोत्साहन और खाद्य अधिकार अधिनियम जैसी ऐतिहासिक यूपीए नीतियों के प्रभाव ने कर्नाटक की प्रगति और कल्याणकारी पहलों को आकार दिया। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।"
दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश ने न केवल एक विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री खो दिया है, बल्कि एक ऐसा नेता भी खो दिया है, जिसकी विद्वता और गरिमा को हमेशा याद रखा जाएगा।"
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, "हमारे समय के सबसे महान अर्थशास्त्रियों, नेताओं, सुधारकों और सबसे बढ़कर मानवतावादी मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने दिखाया कि कैसे शालीनता और शिष्टता राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन के बहुत जरूरी पहलू हैं। वह एक ऐसे महापुरुष थे, जिनके निधन से भारत ने एक महान सपूत खो दिया है।"
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री एवं महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से मन अत्यंत व्यथित है। पूरे देश और कांग्रेस परिवार के लिए यह अपूरणीय क्षति है। आज भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।"
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन राजनीतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत की पुण्यात्मा को शांति प्रदान करें। आरबीआई के गवर्नर, देश के वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री जैसे दायित्व को निभाते हुए उन्होंने अपनी कुशल और दूरदर्शी नीतियों से देश की आर्थिक समृद्धि के प्रयासों में सहभागिता की और विभिन्न चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। देश के आर्थिक विकास में योगदान के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। दुख की घड़ी में शोकाकुल परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।"
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र की सेवा के प्रति समर्पित रहा। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों और समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताते हुए कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक महान विद्वान, अर्थशास्त्री और राजनेता खो दिया है। भारतीय आर्थिक सुधारों में उनके योगदान और 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री के रूप में हमारे देश की सेवा करने को हमेशा याद किया जाएगा। उन्हें मेरी श्रद्धांजलि।"
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे उनसे बातचीत करने और उनसे सीखने के कई अवसर मिले। वह वास्तव में एक बौद्धिक दिग्गज थे, एक कुशल अर्थशास्त्री थे, लेकिन सबसे बढ़कर वह एक सज्जन व्यक्ति थे। उनके निधन से भारत ने एक महान सपूत खो दिया है।"
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुख हुआ। वह एक ऐसे राजनेता थे, जिनके नेतृत्व ने भारत के आर्थिक परिवर्तन को दिशा दी। उनके कार्यकाल ने स्थिर विकास, सामाजिक प्रगति और सुधारों के युग को चिह्नित किया, जिसने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया।"
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, "भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारजनों के साथ है। प्रभु श्री राम दिवंगत आत्मा को अपने परम धाम में स्थान तथा शोकाकुल परिवार को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।"
गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल ने कहा, "भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर अत्यंत दुःखद है। विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रभु उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिवार और समर्थकों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।"
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, "आज देश ने अपना एक महान लाल खो दिया। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्वविख्यात अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के निधन का समाचार अत्यंत दुखदायी है। विकासशील राजनीति और गवर्नेंस के पुरोधा आदरणीय मनमोहन सिंह ने निःस्वार्थ भाव के साथ देश और देशवासियों की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया था। आज मनमोहन सिंह हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनके आदर्श और विचार हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।"
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, "देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की दुखद खबर मिली। देश के लिए यह बड़ा नुकसान है। भारत की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने वाले इस महान अर्थशास्त्री की कमी देशवासियों को हमेशा खलती रहेगी। परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि वह दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार सहित प्रशंसकों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, "भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और धर्मनिरपेक्षता तथा लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध एक प्रतिष्ठित राजनेता डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुःख हुआ। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदना।"
डॉ. मनमोहन सिंह को दुनिया भर के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
वैश्विक नेताओं ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। मालदीव और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों सहित दुनिया भर के नेताओं ने आर्थिक प्रगति और कूटनीति में उनके असाधारण योगदान को याद करते हुए संवेदना व्यक्त की।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में डॉ. सिंह को अफगानिस्तान के लोगों का एक अटूट सहयोगी और मित्र बताया। करजई ने लिखा, "भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक अटूट सहयोगी और मित्र थे। मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, सरकार और भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भी एक्स पर दुख जताते हुए मनमोहन सिंह को दयालु पिता और मालदीव के प्रिय मित्र के रूप में चित्रित किया। नशीद ने लिखा, "मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे हमेशा उनके साथ काम करना अच्छा लगता था और वह एक दयालु पिता की तरह थे। वह मालदीव के अच्छे मित्र थे।"
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत-रूस संबंधों में पूर्व प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक्स पर कहा, "यह भारत और रूस के लिए बहुत दुख और शोक का क्षण है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अतुलनीय था। उनका सौम्य व्यवहार हमेशा आकर्षक रहा, क्योंकि एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी विशेषज्ञता और भारत की प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता था।"
पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर 7 दिन का राजकीय शोक
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भारत सरकार ने 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान देशभर में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और किसी भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा सभी भारतीय मिशनों और उच्चायोगों में विदेशों में भी राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। गृह मंत्रालय ने भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और राज्यों के लिए पत्र जारी करके यह जानकारी दी।
पत्र में गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया, "भारत सरकार अत्यंत दुःख के साथ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 26 दिसंबर को एम्स अस्पताल, नई दिल्ली में निधन हो गया। दिवंगत गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में 26 दिसंबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक सरकार 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा करती है। इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और राजकीय शोक की अवधि के दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। विदेश में स्थित सभी भारतीय मिशनों और उच्चायोगों में भी अंतिम संस्कार के दिन राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।"
बता दें कि मनमोहन सिंह का 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से उन्हें एम्स में भर्ती किया गया, जहां बाद में उनका निधन हो गया।
भारत के 1991 के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में विख्यात, वित्त मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया, इसकी नीतियों का आधुनिकीकरण किया और राष्ट्र को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकृत किया।
अपनी विनम्रता, बुद्धिमत्ता और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण के लिए याद किए जाने वाले डॉ. सिंह अपने पीछे प्रगति और समृद्धि की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो दुनिया भर के नेताओं को प्रेरित करती रहती है।
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