न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के पहले दिन सोमवार को न्यायिक कार्यवाही शुरू की और शुभकामनाएं देने के लिए वकीलों को धन्यवाद दिया।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति खन्ना को 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई।
दोपहर बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार के साथ अदालत कक्ष संख्या एक में एकत्रित हुए वकीलों से प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘धन्यवाद।’’
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दिन की कार्यवाही शुरू होने पर कहा, ‘‘मैं प्रधान न्यायाधीश के रूप में आपके सफल कार्यकाल की कामना करता हूं।’’
अदालत कक्ष में उपस्थित अन्य वकीलों ने भी प्रधान न्यायाधीश को शुभकामनाएं दीं।
जब एक बार सदस्य ने सुनवाई के लिए एक दिन में सूचीबद्ध मामलों के अनुक्रम से संबंधित मुद्दा उठाया, तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह उनके ध्यान में है और वह इस पर विचार करेंगे।
न्यायमूर्ति खन्ना ने राष्ट्रपति भवन में ‘‘ईश्वर के नाम पर’’, अंग्रेजी में शपथ ली।
14 मई, 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना छह महीने से कुछ अधिक समय तक भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे और 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
उन्होंने न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया जो रविवार को सेवानिवृत्त हो गए।
शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व प्रधान न्यायाधीश जे. एस. खेहर मौजूद थे।
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