आपदा प्रबंधन पर बनेगा कानून, विधेयक इसी सत्र में : अमित शाह

Last Updated 01 Aug 2024 07:18:25 AM IST

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि यह समय केरल के वायनाड की जनता के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का है, इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है तथा राहत, बचाव एवं पुनर्वास के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। शाह ने सदन को अवगत कराया कि वह आपदा प्रबंधन पर इसी सत्र में एक विधेयक लाएंगे।


आपदा प्रबंधन पर बनेगा कानून, विधेयक इसी सत्र में

उन्होंने प्राकृतिक आपदा पर सदन में लाए गए ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भले ही भारत सरकार हो या कोई राजनीतिक दल, (सभी के लिए) आपदा का यह वक्त वायनाड के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस दुखद आपदा में जिन लोगों ने अपने स्वजन गंवाए या जो घायल हुए हैं, उनके प्रति गहरी संवेदनाएं हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वायनाड की आपदा पर दुख जाहिर करते हुए वायनाड और केरल की जनता को यह आश्वासन दिया कि मोदी सरकार उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी है।  

केरल के वायनाड में हुई भूस्खलन की घटना के मद्देनजर बुधवार को लोकसभा में नियम-197 के अंतर्गत हुई चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार ने राहत और बचाव के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं और बचाव प्रक्रिया से जुड़ा हर विभाग उस क्षेत्र में मौजूद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं कंट्रोल रूम से सारी जानकारी ले रहे हैं, मैं भी लगातार जानकारी ले रहा हूं और मेरे गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय हर दिन नियंत्रण कक्ष में चार घंटे मौजूद रहते हैं और स्थिति की निगरानी करते हैं। मैं केरल के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम राहत और पुनर्वास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। भारत सरकार जरूरत की इस घड़ी में केरल सरकार, केरल और वायनाड की जनता के साथ मजबूती से खड़ी है।

उन्होंने सदन को यह जानकारी भी दी कि केंद्र सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर एक विधेयक लाने जा रही है, जो इसी सत्र में लाया जा सकता है। सभी राज्य सरकारों को आपदा प्रबंधन का अभ्यास करना चाहिए। वायनाड की दुखद आपदा में जिन लोगों ने अपने स्वजन गंवाए हैं और जो घायल हुए हैं, उन सभी के परिवारजनों के साथ मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। ये समय केरल की सरकार, केरल की जनता और विशेषकर वायनाड के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का है और इसके लिए मोदी सरकार कटिबद्ध है। मैं इस सदन के माध्यम से केरल और वायनाड की जनता से कहना चाहता हूं कि भारत सरकार की ओर से हरसंभव मदद और हरसंभव प्रयास बचाने के लिए, रिलीफ के लिए और पुनर्वास के लिए किए जाएंगे।

शाह ने सदन को बताया कि नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद 2016 से अर्ली वार्निंग सिस्टम का प्रोजेक्ट चालू हुआ और आज दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम प्रणाली स्थापित है। विश्व में केवल कुछ ही देश आपदा घटित होने से सात दिन पहले पूर्वानुमान लगा सकते हैं। भारत उन कुछ देशों में से एक है, जो आपदा का पूर्वानुमान लगाकर उसे सात दिन पहले सार्वजनिक कर सकता है। हमारे पास चक्रवात, शीत लहर, लू, सुनामी, बाढ़, भूस्खलन के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम प्रणाली है। भारत उन चंद चार-पांच देशों में है, जो सात दिन पहले पूर्वानुमान साझा करता है। जबकि, वर्ष 2014 से पहले इस देश में आपदा का रिस्पॉन्स करने का एक ही तरीका-बचाव कार्य था। नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद बचाव के साथ-साथ एडवांस में ही तैयारी करने का काम किया गया, ताकि किसी की जान न जाए।

उन्होंने केरल सहित सभी राज्य सरकारों से अर्ली वार्निंग सिस्टम प्रणाली द्वारा दी गई चेतावनियों को गंभीरता से लेकर पहले से ही कार्रवाई शुरू कर देने का आग्रह करते हुए बताया कि 18 जुलाई को यह पूर्वानुमान लगाया गया था कि केरल के पश्चिमी तट पर सामान्य से अधिक वर्षा होगी। 25 जुलाई को अनुमान लगाया गया था कि भारी बारिश होगी। 23 जुलाई को एनडीआरएफ की आठ टीमें इस क्षेत्र में भेजी गईं थी। हमें भू-स्खलन के बारे में पता चल गया था और केरल सरकार को भारत सरकार की ओर से अर्ली वार्निंग दे दी गई थी।

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा देश के विभिन्न भागों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण जानमाल को हुई हानि पर लोकसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत केंद्रीय गृह मंत्री का ध्यान आकर्षण किया गया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने घटना से जुड़े तथ्यों की जानकारी देते हुए सदन में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जो कि वायनाड से सांसद भी रह चुके हैं, उन्होंने वायनाड की बड़ी त्रासदी में सेना द्वारा अच्छा काम करने की बात कहते हुए कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम सब वायनाड के लोगों का समर्थन करें और वे सरकार से वायनाड के लोगों की मदद करने का अनुरोध करते हैं। यह दूसरी बार है जब यह त्रासदी हुई है और इससे यह स्पष्ट है कि यह सेंसेटिव जोन है।

उन्होंने केरल में लगातार हो रही घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सरकार से हाईटेक कदम उठाने की मांग की है ताकि इसका समाधान निकाला जा सके। वहीं, भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने केरल में लगातार और सबसे ज्यादा हो रही इस तरह की घटनाओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी के रवैये पर सवाल उठाया। उन्होंने केरल में अवैध अतिक्रमण को बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि वर्ष 2020 में केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वायनाड के लैंडस्लाइड प्रोन एरिया से 4 हजार परिवारों को हटाने का सुझाव दिया था। लेकिन, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और वायनाड से अभी तक सांसद रहे नेता ने इस पर कुछ नहीं कहा।

उन्होंने आरोप लगाया कि केरल सरकार के एक मंत्री ने विधानसभा में यह स्वीकार किया था कि सरकार उस अवैध अतिकम्रण को इसलिए नहीं हटा पा रही है क्योंकि धार्मिक समूह का दबाव है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के जिस सांसद ने इस मुद्दे को उठाया था, कांग्रेस ने उसे दोबारा लोकसभा चुनाव का टिकट ही नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति कर रही है। वोट बैंक की राजनीति के कारण ही वायनाड और उसके आसपास के इलाकों से अतिक्रमण नहीं हटा रहे हैं और आज केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।

तेजस्वी सूर्या द्वारा राहुल गांधी पर साधे गए निशाने के विरोध में कांग्रेस सांसदों ने विरोध जताते हुए माफी मांगने की मांग की और सदन में हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को 4 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। 4 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा से शुरू होने पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने तेजस्वी सूर्या के भाषण की आलोचना की। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने केसी वेणुगोपाल का विरोध करते हुए व्यवस्था का मुद्दा उठाया। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में अपना जवाब दिया।

भारत के पास दुनिया की सबसे आधुनिक ‘समय-पूर्व चेतावनी प्रणाली’ मौजूद है और 2014 के बाद भारत उन तीन-चार देशों में से एक है, जो आपदा से सात दिन पहले ही पूर्वानुमान साझा करते हैं एवं इस प्रणाली पर कुल 2300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

शाह ने कहा, वर्ष 2014 के पहले आपदा के समय सिर्फ बचाव और पुनर्वास होता था, लेकिन मोदी सरकार के समय में इस तरह से बचाव कार्य करने पर ध्यान दिया गया है कि किसी की जान न जाए और नुकसान कम से कम हो।

समयलाइव डेस्क/आईएएनएस
नई दिल्ली


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