BJP का सवाल- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या NEET मामले में मांफी मांगेंगे राहुल गांधी?
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कुछ स्थानों पर नीट-यूजी पेपर लीक होने के बाद भारत की परीक्षा प्रणाली में विश्वास की कमी को हवा देने का आरोप लगाया और पूछा कि क्या वह इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद माफी मांगेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए मंगलवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें विवादों में घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि इसकी शुचिता से समझौता होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है।
न्यायालय का यह अंतरिम फैसला है और बाद में विस्तृत फैसला सुनाया जाएगा। इस अंतरिम फैसले से केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को बड़ी राहत मिली है, जो पांच मई को संपन्न परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर सड़क से संसद तक कड़ी आलोचना एवं विरोध का सामना कर रही है।
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फैसले के बाद विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा और उन पर कड़े शब्दों में भारत की परीक्षा को वैश्विक स्तर पर बदनाम करने का आरोप लगाया।
प्रसाद ने कहा कि उनके शब्दों का चयन संसद की गरिमा और राहुल गांधी के पद की गरिमा का उल्लंघन करता है।
उन्होंने राहुल गांधी द्वारा बजट को ‘कुर्सी बचाओ बजट’ करार दिए जाने के आरोप को भी खारिज किया और कहा कि अगर चुनावों में लोगों ने उन्हें और उनकी पार्टी को बार-बार खारिज किया है तो इसमें भाजपा की गलती नहीं है।
नीट विवाद पर सरकार की कार्रवाई का बचाव करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी और 155 परीक्षार्थियों की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है।
उन्होंने परीक्षा की व्यापकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर 23.5 लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी।
उन्होंने कहा कि गांधी पूरी परीक्षा पर हमला करने के लिए ‘धोखाधड़ी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे और अब अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा की पवित्रता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या राहुल गांधी माफी मांगेंगे....।’’
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों के दौरान पेपर लीक की घटनाएं हुईं जबकि मोदी सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं के खिलाफ एक मजबूत कानून बनाया।
सिस्टम पर सवाल उठाने को लेकर राहुल गांधी पर किरेन रिजिजू का पलटवार
वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए नीट पेपर लीक मामले पर बयान दिया। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा में दिए गए बयान पर भी प्रतिक्रिया दी।
किरेन रिजिजू का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि पेपर लीक में जो भी शामिल हैं, उसे सजा मिलेगी। राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संसद से माफी मांगनी चाहिए। राहुल गांधी ने जो भी कहा वो बहुत गलत था। जो छात्र या जो भी लोग पेपर लीक में शामिल हैं, या किसी ने पेपर लीक करने की कोशिश की है, या कहीं भी कोई दोषी या लिंक पाया गया, उस पर अलग से कार्रवाई होगी।
लेकिन राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा है कि पूरा सिस्टम ही बिक चुका है। रिजिजू ने कहा कि इसके लिए राहुल गांधी को सदन से माफी मांगनी चाहिए। हमारे देश में कितने अच्छे-अच्छे लोग परीक्षा देकर, आज अच्छे पदों पर काम कर देश की सेवा कर रहे हैं। अगर एक दो लोग गलत हो जाते हैं, दो चार लोग दोषी पाये जाते हैं तो पूरे सिस्टम को दोष देना गलत है। सदन में राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि इंडिया का एजुकेशन सिस्टम कोई भी खरीद सकता है। उन्होंने इस तरह का जो गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है यह बहुत निंदनीय है। इसलिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।
किरेन रिजिजू ने आम बजट 2024 को बहुत शानदार बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट का सभी ने स्वागत किया है। लेकिन विपक्ष ने गुमराह करने की कोशिश की है। विपक्ष का कहना है कि यह दो राज्यों के लिए बजट है।
मान लीजिए 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर एलोकेशन हुआ है, क्या वो एक दो राज्य के लिए है, यह पूरे देश के लिए है। तीन करोड़ जो आवास बनाना है वह पूरे देश के लिए होता है। इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर मेडिकल रिलीफ और मिडिल क्लास लोगों को रिलैक्सेशन देने का या किसानों के लिए जो सुविधा देने समेत कई कार्यक्रम हुए हैं, वो देशभर का होता है। इस तरह आम बजट को एक या दो राज्य का कहना गलत बात है।
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