Union Budget 2024: NDA सरकार का 3.0 बजट पेश, कांग्रेस को नहीं आया पसंद, कहा- कॉपी पेस्ट
एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का आज पहला बजट पेश हुआ। हालांकि इसे मोदी सरकार का 3.0 बजट भी बताया जा रहा है।
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इस बजट को लेकर खास चर्चा आंध्र प्रदेश और बिहार को लेकर हो रही थी, क्योंकि सबको पता है कि केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भरोसे ही टिकी हुई है। ऐसे में यही माना जा रहा था कि सरकार दोनों राज्यों के लिए कुछ विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा देने की कोशिश करे।
हालांकि विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को सोमवार को ही वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने खारिज कर दी थी। उन्होंने कुछ भौगोलिक साक्ष्यों और तथ्यों का हवाला देते हुए साफ तौर से कह दिया था कि इन दोनों राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वह दोनों राज्य उस क्राइटेरिया को फुलफिल नहीं करते है। ऐसे में कल तक सवाल यही उठ रहा था कि चलो विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो कम से कम कोई विशेष पैकेज इन दोनों राज्यों को जरूर मिल जाएगा, लेकिन विशेष पैकेज के नाम पर आंध्र प्रदेश को कुछ राहत जरूर मिल गई, लेकिन बिहार के हिस्से में एक बार फिर झुनझुना ही हाथ आया है।
आंध्र प्रदेश को 15000 करोड़ का विशेष वित्तीय सहयोग देने की घोषणा की गई है। जबकि बिहार को 26000 करोड रुपए के एक्सप्रेस हाईवे के प्रोजेक्ट बनाने की घोषणा की गई है। बोधगया मंदिर को काशी विश्वनाथ के तर्ज पर विकसित करने की बात इस बजट में की गई है। जबकि पटना के नजदीक राजगीर को आकर्षक पर्यटन स्थल बनाने की बात की गई है। राजगीर में स्थित जैन मंदिर को भी काशी विश्वनाथ के तर्ज पर विकसित करने के बाद की गई है। बिहार को बाढ़ से निपटने के लिए जरूर इस बजट में साढ़े ग्यारह हजार करोड रुपए का प्रावधान किया गया है, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि जो बिहार बरसों से उद्योगों के लिए तरस रहा है, ऐसी वहां कोई योजना इस बजट में नहीं है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बिहार के जो युवा शिक्षा, पढ़ाई और नौकरी के लिए बिहार से हर वर्ष पलायन करते हैं, वह संभवत वैसे ही जारी रहेगी जैसा पहले से होता आ रहा है। देश के 1000 आईटीआई को अपग्रेड करने की बात की गई है, लेकिन इसको अपग्रेड करके क्या किया जाएगा यह तो जब बजट को पूरा पढ़ा जाएगा तभी समझ में आएगा। की 1000 आईटीआई को पॉलिटेक्निक मनाया जाएगा या इंजीनियरिंग कॉलेज बनाया जाएगा। इस बजट में एक बात स्पष्ट रूप से कहा गया है जो शायद कांग्रेस के चुनावी मेनिफेस्टो से बिल्कुल मेल खाता है, और शायद इसलिए कांग्रेस ने इस बजट को कॉपी पेस्ट बजट बता दिया है।
इस बजट में देश की 500 सबसे बड़ी कंपनियों को युवाओं के लिए इंटर्नशिप देने की बात की गई है। जबकि इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को प्रतिमा ₹5000 मिलेंगे। देश के लोगों को याद होगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने पूरे देश में घूम-घूम कर इसी इंटर्नशिप की बात की थी। इस बजट में मुद्रा लोन को बढ़ाकर 10 लाख से 20 लाख कर दिया गया है। जबकि 3 करोड़ पीएम आवास बनाने के बाद की गई है। किसानों के लिए इस बजट में कई बड़े-बड़े दावे किए गए हैं लेकिन एमएसपी की वर्षों की मांग को इस बजट में कोई स्थान नहीं दिया गया है। इस बजट में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात की गई है। सरकार प्राकृतिक खेती करने के लिए अनुदान देने के बाद कर रही है।
कुल मिलाकर बजट आज ही पेश हुआ है तो बजट को लेकर अभी चर्चाएं होंगी। धीरे-धीरे इस बजट की खामियों और कमियों पर चर्चा होगी। जाहिर सी बात है कि सत्ता पक्ष के नेता इसे सबसे अच्छा बजट बताने की कोशिश करेंगे तो विपक्ष हमेशा की तरह इस बजट में कमियां निकालने की कोशिश करेगा। लेकिन इस बजट में कुछ किराए पर मकान देने वालों के लिए भी प्रावधान किया गया है। लेकिन उसका स्वरूप कैसा होगा, अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
फिलहाल इस बजट में युवाओं को लेकर के जो बातें कही गई हैं वह धरातल पर किस प्रकार उतरेंगीं, इसका व्यावहारिक स्वरूप क्या होगा। आने वाले समय में ही पता चलेगा। लेकिन शेयर मार्केट का गिरना कहीं ना कहीं अभी यही संकेत देता है कि कुछ ना कुछ इस बजट में खामियां जरूर है।
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