DY Chandrachud : बोले CJI, विमर्श की लोकतांत्रिक व्यवस्था में बदल गई हैं अदालतें
देश के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने बुधवार को कहा कि भारतीय अदालतों की पुनर्कल्पना अब थोपे गये ‘साम्राज्य’ के बजाय विमर्श की लोकतांत्रिक व्यवस्था के रूप में की गई हैं।
भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ |
प्रधान न्यायाधीश (DY Chandrachud) ‘डिजिटल परिवर्तन और न्यायिक दक्षता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल’ विषय पर ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जे20 शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
जे20 उच्चतम न्यायालयों और संवैधानिक अदालतों के मुख्य न्यायाधीशों का एक समूह है, जिसके सदस्य जी-20 देश हैं। इस साल जे-20 सम्मेलन का आयोजन ‘ब्राजीलियन फेडरल सुप्रीम कोर्ट’ की ओर से किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश (DY Chandrachud) ने कहा, ‘भारतीय अदालतों की पुनर्कल्पना अब थोपे गये ‘साम्राज्य’ के बजाय विमर्श की लोकतांत्रिक व्यवस्था के रूप में की गई हैं।
कोविड-19 महामारी के कारण अदालतों की व्यवस्थाओं को रातों-रात बदलना पड़ा। उन्होंने मुकदमे से जुड़ें पक्षों और कम ‘कनेक्टिविटी’ वाले स्थानों के बीच डिजिटल विभाजन और प्रतिनिधित्व संबंधी विषमता पर भी बात की।
इन विषमताओं को ‘अड़चनें’ बताते हुए प्रधान न्यायाधीश (DY Chandrachud) ने कहा, ‘हमें इनसे निपटना होगा। जब हम न्यायिक दक्षता की बात करते हैं, तो हमें न्यायाधीश की दक्षता से परे हटकर देखना चाहिए और समग्र न्यायिक प्रक्रिया के बारे में सोचना चाहिए।
दक्षता न केवल नतीजों में निहित है बल्कि उन प्रक्रियाओं में भी है जिन्हें स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।’
प्रधान न्यायाधीश (DY Chandrachud) ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी की क्षमता इस बात में निहित है कि हम इसे पहले से मौजूद असमानताओं को कम करने के लिए कैसे परिवर्तित करते हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 7.50 लाख मामले निपटाए
भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 7.50 लाख से अधिक मामलों की सुनवाई की और 1.50 लाख से अधिक मामले ऑनलाइन दायर किए गए। उन्होंने कहा कि यह सब इसीलिए हो पाया क्योंकि प्रौद्योगिकी ने न्यायपालिका समेत कानून और प्रवर्तन एजेंसियों के बीच नए आयाम स्थापित किए हैं।
सीजेआई (DY Chandrachud) ने ‘डिजिटल परिवर्तन और न्यायिक दक्षता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग’ विषय पर रियो डी जनेरियो में आयोजित जे20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई ने उच्चतम न्यायालय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना दिया है।
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