अंतरिक्ष और विमानन विषय पर दिल्ली में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी
एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (एईएसआई) द्वारा 18 और 19 नवंबर को दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इस कार्यक्रम का विषय '2047 में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन' है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं
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एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (एईएसआई) द्वारा 18 और 19 नवंबर को दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इस कार्यक्रम का विषय '2047 में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन' है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी एईएसआई की उत्कृष्टता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में है। कार्यक्रम के दौरान भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र की यात्रा के 75 वर्षों के सार-संग्रह के साथ-साथ विजन डॉक्यूमेंट 2047 का विमोचन भी किया जाएगा।
इस आयोजन के माध्यम से पिछले 75 वर्षों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र में भारत की सफलता पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा, जिसमें उपलब्धियों, तकनीकी प्रगति व महान दूरदर्शी व्यक्तियों की भूमिका को प्रदर्शित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, शिक्षाविदों, स्टार्ट-अप और विद्यार्थियों सहित लगभग 1,500 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
इस दौरान 75 से अधिक स्टार्ट-अप के साथ ही करीब 200 औद्योगिक इकाईयां और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रदर्शनी में स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे। इस सम्मेलन में भारतीय पक्ष के साथ ही सफ्रान, रोल्स रॉयस, लॉकहीड मार्टिन, एमआईटी यूएसए और क्रेनफील्ड यूके से आने वाले जाने-माने वक्ताओं के साथ तकनीकी सत्र आयोजित किये जाएंगे।
एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की स्थापना वर्ष 1948 में प्रधानमंत्री को प्रमुख संरक्षक के रूप में रखते हुए भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। इसको प्रारंभ का उद्देश्य उद्योग जगत, शिक्षा एवं अनुसंधान प्रयोगशालाओं सहित विभिन्न धाराओं के बीच वैमानिकी विज्ञान तथा विमानन अभियांत्रिकी के ज्ञान की उन्नति व राष्ट्रव्यापी प्रसार को बढ़ावा देना है।
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