न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, केन्द्र को चेताया
कॉलेजियम की सिफारिशों पर कुंडली मारकर बैठने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए केंद्र सरकार को एक बार फिर चेताया है।
सुप्रीम कोर्ट |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि काफी अरसे बाद इस मामले पर सुनवाई हो रही है लेकिन केंद्र सरकार कॉलेजियम की 70 से अधिक सिफारिशों पर अमल नहीं कर रही है। मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ न्यायमूर्ति की नियुक्ति पिछले तीन माह से लटकी पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब हर 10-12 दिन के अंतराल के बाद इस मामले पर सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि कॉलेजियम की 70 सिफारिशें अब भी सरकार के पास अटकी हुई हैं। पीठ ने अटॉर्नी जनरल को इस मुद्दे को हल करने के लिए कहा।
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने इस पर सरकार से निर्देश लेने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कौल ने कहा, आज मैं चुप हूं क्योंकि अटॉर्नी जनरल ने बहुत कम समय मांगा है, अगली बार मैं चुप नहीं रहूंगा। पिछले सप्ताह तक 80 सिफारिशें लंबित थीं, अब 10 नामों को मंजूरी दी गई।
अब, यह आंकड़ा 70 है, जिनमें से 26 सिफारिशें न्यायाधीशों के स्थानांतरण की हैं, सात सिफारिशें दोहराई गई हैं, नौ कॉलेजियम को वापस किए बिना लंबित हैं और एक मामला संवेदनशील हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का है। ये सभी सिफारिशें पिछले साल नवंबर से लंबित हैं।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, ‘ हमने चीजों को आगे बढ़ाने और बारीकी से निगरानी करने का प्रयास किया है।
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