Canada सबूत दे और वैध कानूनी प्रक्रिया अपनाए तो भारत कर सकता है कानूनी मदद
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच कटुता बढ़ गई है। निज्जर हत्याकांड से जुड़ा कोई भी सबूत जिसमें भारतीय एजेंसियों की संलिप्तता सामने आई है, ऐसी जानकारी कनाडा ने भारत से अब तक साझा नहीं की है।
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला (फाइल फोटो) |
भारत का कहना है कि सबूत दो, तभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चल सकता है।
खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक न तो ओटावा और न ही वॉशिंगटन डीसी ने दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर नई दिल्ली के साथ कोई खुफिया जानकारी साझा की।
कनाडाई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेडी थॉमस ने जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले भारतीय खुफिया प्रमुख और अपने भारतीय समकक्ष से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता की ओर इशारा करने वाला कोई सबूत साझा नहीं किया।
इतना ही नहीं भारत के साथ राजनियक या खुफिया चैनल के माध्यम से भी कोई विश्वसनीय सबूत साझा नहीं किया गया है। भारतीय एजेंसियों का कहना है कि चूंकि भारत का निज्जर की हत्या से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए वह सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं। बशर्ते कनाडा वैध कानूनी प्रक्रिया अपनाए।
सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना कनाडा में बहुत सक्रिय हैं और इन दोनों को अपने टारगेट को मारना आसान है। फिर उन्होंने इसका दोष भारत पर मढ़ दिया है।उन्होंने कहा, भारतीय पक्ष स्पष्ट है कि कोई भी टिप्पणी करने से पहले सबूत साझा किए जाने चाहिए।
कनाडा के ब्रिटश कोलंबिया में 18 जून को हुई निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ।
भारत ने मंगलवार को कनाडा के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘बेबुनियाद’ बताते हुए खारिज कर दिया था और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में उसने कनाडा के एक वरिष्ठ राजनियक को निष्कासित कर दिया था।
| Tweet |