G-20 की बैठक में ऐसी होती है,"शेरपा"की भूमिका !

Last Updated 09 Sep 2023 03:13:50 PM IST

जी 20 की बैठकों को लेकर अक्सर चर्चाएं होती रहती हैं। इस बार भारत ने इसकी मेजबानी करके निश्चित तौर एक बड़ा काम किया है।


Amitabh Kant

इस बैठक के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक अलग ही पहचान बनेगी। जी 20 के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, बहुत कुछ कहा गया है, लेकिन इन बैठकों में शामिल होने वाले लोगों में से कुछ लोगों को ऐसे नाम दिए जाते हैं, जिसकी जिम्मेवारी तो बहुत होती है, लेकिन उसकी चर्चा बहुत कम होती है। ऐसा ही एक नाम है "शेरपा"। शेरपा का सीधा मतलब बहादुर होता है। इन बैठकों में शामिल होने वाले सभी देशों की तरफ एक न एक शेरपा होता है।

इस बार भारत की तरफ से शेरपा की भूमिका में अमिताभ कांत हैं। अमिताभ कांत एक रिटायर प्रशासनिक अधिकारी हैं, वो नीति आयोग के सीईओ रह चुके हैं। आखिर उनकी शेरपा के रूप में क्या भूमिका है ? इस लेख के जरिए यही बताने की कोशिश करेंगे। जी 20 की बैठक में शेरपा की भूमिका बताने के पहले यह जान लेना बहुत जरुरी है कि शेरपा किसे कहते हैं।

दरअसल शेरपा एक समुदाय है। इस समुदाय के लोग नेपाल और तिब्बत की दुर्गम पहाड़ियों में रहते हैं। ये पहाड़ों की ऊंची-ऊंची चोटियों पर चढ़ने में माहिर होते हैं। पहाड़ों की ऊंची-ऊंची चोटियों पर चढ़ना बहुत ही बहादुरी का काम होता है। चूँकि जी 20 की बैठक में अपने देश की बात को रखना, अपने देश के नेता ने क्या कहा है ,उसकी बातों को इस बैठक में शामिल अन्य देशों के नेताओं के समक्ष कैसे प्रस्तुत करना है, यह भी किसी बहादुरी से कम नहीं होता है।

 इसीलिए ऐसे काम को करने वाले व्यक्ति को शेरपा नाम दिया गया है। इस बार शेरपा की भूमिका में पूर्व ब्यूरोक्रेट अमिताभ कान्त हैं। अमिताभ कान्त ही अपने देश के नेता की हर बात को ,हर समस्या और हर फैसले की जानकारी देंगे। इस बार जी 20 का थीम है, एक पृथ्वी ,एक परिवार ,एक भविष्य। यानी इस थीम को लेकर भारत का क्या नजरिया है, इसकी जानकारी भी भारत के शेरपा अमिताभ कांत देंगे।

यानी कुल मिलाकर शेरपा अपने देश के नेता का एक गाइड होता है। शेरपा की जिम्मेदारी उसी व्यक्ति को दी जाती है,जिसे देश दुनिया की तमाम विषयों की बहुत अच्छी जानकारी हो। चूँकि इस बैठक में हर देश ने अपना -अपना शेरपा नियुक्त किया होगा। लिहाजा इन शेरपाओं को इस बात का भी ख्याल रखना होता है कि उन्हें अपनी बात रखते समय किसी अन्य शेरपा से कमतर साबित न हों। यहाँ बता दें कि इसके पहले जो जी 20 की बैठक हुई थी, उसमें शेरपा की भूमिका में केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल थे।

 

शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


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