नहीं थम रहा Bajran Dal पर बैन का मुद्दा, विहिप व जमीयत उलेमा ए हिंद आमने-सामने
बजरंग दल (Bajrang Dal) पर बैन लगाने का वादा कर भले ही कांग्रेस (Congress) ने कर्नाटक (Karnataka) की चुनावी लड़ाई को जीत लिया हो, लेकिन यह मुद्दा अब थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
बजरंग दल |
बजरंग दल (Bajrang Dal) पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे को लेकर अब विश्व हिंदू परिषद (VHP0 और जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) आमने-सामने आ गए हैं। जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Arshad Madani) ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में (कर्नाटक चुनाव (Karnataka Election) को लेकर जारी किए गए घोषणा पत्र) फिरकापरस्त की जमात बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही थी। अगर उन्होंने यह फैसला 70 साल पहले लिया होता, तो मुल्क बर्बाद नहीं होता।
मौलाना अरशद मदनी के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल (Vinod Bansal) ने कहा, फिरकापरस्त जमात जमीयत के सरगना, जिसे, उनकी अपनी कौम ही नकार चुकी हो, वे मौलाना अरशद मदनी राम मंदिर (Ram Mandir) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा दिए गए फैसले पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। बंसल ने कहा कि बजरंग दल पर कीचड़ उछालते-उछालते मौलाना मदनी खुद ही गहरी दलदल में फंस गए। जो बजरंग दल 29 साल पहले बना था, उस पर मदनी 70 साल पहले बैन लगाने की बात कह रहे हैं।
उन्होंने 70 साल पहले की गलती को लेकर मदनी द्वारा दिए गए बयान को जबान फिसलने की संज्ञा देते हुए कहा कि वे नाम भले ही बजरंग दल का ले रहे थे, लेकिन वास्तव में उनके बयान ने कांग्रेस और मुस्लिम लीग की गलतियों को उजागर करने का काम कर दिया।
VHP प्रवक्ता ने कहा कि 70 साल पहले कांग्रेस द्वारा की गई गलती, अगर उसी समय सुधार ली होती तो आज ये कट्टरपंथी और जेहादी तत्व भारत के अंदर नहीं होते या फिर वो भारत में रहते हुए भारतीयता के रंग में घुल-मिल गए होते।
इसके साथ ही उन्होंने जमीयत पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि वलीउल्लाह जैसे घोषित एवं दुर्दांत आतंकियों और देशद्रोहियों को आर्थिक व कानूनी मदद देकर उन्हें पालने वाले बजरंग दल जैसे राष्ट्रवादी संगठन पर सवाल उठा रहे हैं। देश इनके मंसूबों को बखूबी जानता है।
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