लोकसभा में सोमवार को पेश होगा दंड प्रक्रिया पहचान बिल

Last Updated 28 Mar 2022 03:17:22 AM IST

सरकार सोमवार को लोकसभा में दंड प्रक्रिया पहचान विधेयक पेश कर सकती है जिसमें किसी अपराध के मामले में गिरफ्तार और दोषसिद्ध अपराधियों का रिकार्ड रखने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है।


संसद भवन

लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार, यह विधेयक सोमवार को निचले सदन में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। इस विधेयक को हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। प्रस्तावित विधेयक के माध्यम से वर्ष 1920 के कैदियों की पहचान संबंधी कानून को बदलने का प्रस्ताव किया गया है।

औपनिवेशिक ब्रिटिश काल के वर्तमान कानून में उन दोष सिद्ध अपराधियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों के शरीर के सीमित स्तर पर माप की अनुमति दी गई है जिसमें एक वर्ष या उससे अधिक सश्रम कारावास का प्रावधान होता है।

सूत्रों के अनुसार, मसौदा विधेयक में दोषियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों का विभिन्न प्रकार का ब्यौरा एकत्र करने की अनुमति देने की बात कही गई है जिसमें अंगुली एवं हथेली की छाप या प्रिंट, पैरों की छाप, फोटो, आंखों की पुतली, रेटिना, लिखावट के नमूने आदि शामिल हैं। सरकार का मानना है कि अधिक से अधिक ब्यौरा मिलने से दोष सिद्धि दर में वृद्धि होगी और जांचकर्ताओं को अपराधियों को पकड़ने में सुविधा होगी।

इसके अतिरिक्त लोकसभा में ‘संविधान अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों आदेश दूसरा संशोधन विधेयक 2022’ पेश किया जाएगा। इस विधेयक में संविधान अनुसूचित जातियां आदेश 1950 और संविधान अनुसूचित जातियां उत्तर प्रदेश आदेश 1967 का और संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है। निचले सदन में संविधान अनुसूचित जनजातियां आदेश संशोधन विधेयक 2022 भी पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

भाषा
नई दिल्ली


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