कानून लागू नहीं होंगे तो होगी मुश्किल : रिजिजू
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को यहां कहा कि ऐसी स्थिति में नहीं रहा जा सकता, जहां विधायिका द्वारा पारित कानूनों और न्यायपालिका द्वारा दिए गए फैसलों को लागू करना मुश्किल हो।
![]() नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह में शनिवार को शिरकत करते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, शीर्ष कोर्ट के प्रधान न्यायधीश एनवी रमण व केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री किरन रिजिजू के साथ अन्य गणमान्य लोग। |
उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय संविधान दिवस कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कभी-कभी अपने अधिकारों की तलाश में लोग दूसरों के अधिकारों के और अपने कर्तव्यों के बारे में भूल जाते हैं।
मंत्री ने कहा कि मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों के बीच संतुलन तलाशने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयक और उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले देश के कानून होते हैं।
रिजिजू ने हिंदी में कहा, ‘‘हम ऐसी स्थिति में नहीं हो सकते, जहां उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालयों या विधानसभा और संसद द्वारा पारित होने के बावजूद कानूनों को लागू करना मुश्किल हो जाए।
हम सभी को इस पर विचार करना होगा। विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका, समाज के सभी वर्गों को सोचना होगा कि देश संविधान के अनुसार चलता है।’’
इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमण और उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश उपस्थित थे।
मंत्री की टिप्पणी सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आई है, जिसमें सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पेश करेगी।
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