देश में कोरोना वायरस के 29,616 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,36,24,419 पर पहुंच गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,280 की वृद्धि होने से संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या 3,01,442 हो गयी है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 290 और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,46,658 हो गयी है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.90 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 97.78 प्रतिशत है जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 1,280 की वृद्धि हुई है। संक्रमण की दैनिक दर 1.86 प्रतिशत जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 1.99 प्रतिशत दर्ज की गयी। साप्ताहिक संक्रमण दर पिछले 92 दिनों से तीन प्रतिशत से कम है।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
मंत्रालय ने बताया कि इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,28,76,319 हो गयी है और मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत दर्ज की गयी। देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 84.89 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। शुक्रवार को कोविड-19 का पता लगाने के लिए 15,92,421 नमूनों की जांच की गयी जिससे देश में अभी तक जांच किए गए नमूनों की संख्या 56,16,61,383 हो गयी है।
आंकड़ों के अनुसार, जिन 290 और मरीजों ने जान गंवाई है उनमें से 127 लोगों की मौत केरल में, 51 की महाराष्ट्र में और 27 लोगों की मौत तमिलनाडु में हुई। अभी तक देश में इस महामारी से 4,46,658 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 1,38,776 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 37,706 की कर्नाटक, 35,454 की तमिलनाडु, 28,085 की दिल्ली, 24,318 की केरल, 22,890 की उत्तर प्रदेश और 18,716 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।
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