जेएनयू में तीसरे चरण की रिओपनिंग, पीएचडी छात्रों को कैंपस आने की अनुमति

Last Updated 23 Sep 2021 04:34:44 PM IST

कोरोना के बाद विश्वविद्यालयों को फिर से खोला जा रहा है। इसी क्रम में अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने आज यानी 23 सितंबर से तीसरे वर्ष के पीएचडी छात्रों के लिए कैंपस खोल दिया है।


(फाइल फोटो)

अगले चरण में एमएससी और बीटेक छात्रों के लिए कैंपस खोला जाएगा। इसके बाद जल्द ही जेएनयू में विज्ञान के सभी छात्रों के लिए विश्वविद्यालय परिसर, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और ऑफलाइन कक्षाएं फिर से शुरू की जाएंगी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार पी अजय बाबू ने कहा कि विश्वविद्यालय में तीसरे चरण की रिओपनिंग गुरुवार 23 सितंबर से शुरू हो गई है।

इसके तहत गुरुवार से हॉस्टल में रहने वाले और डे स्कालर दोनों तरह के छात्र विश्वविद्यालय आ रहे हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बसों को भी विश्वविद्यालय कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति दे दी है।

वहीं चौथे चरण की रिओपनिंग 27 सितंबर से शुरू हो जाएगी। जेएनयू के डिप्टी रजिस्ट्रार ने बताया कि चौथे चरण में एमएससी फाइनल ईयर और बीटेक चौथे वर्ष के सभी छात्रों को विश्वविद्यालय कैंपस में आने की अनुमति होगी। इसके साथ ही चौथे चरण में एमबीए फाइनल ईयर के छात्र भी विश्वविद्यालय आ सकेंगे। चौथे चरण में भी यह सुविधा डे स्कॉलर और हॉस्टल में रहने वाले दोनों तरह के छात्रों के लिए होगी।

उधर दिल्ली विश्वविद्यालय भी चरणबद्ध तरीके से खुलना शुरू हो गया है। 15 सितंबर से छात्रों को विश्वविद्यालय में आने और क्लास लेने की अनुमति दी गई है। हालांकि यह सुविधा फिलहाल केवल साइंस स्ट्रीम के फाइनल ईयर के छात्रों के लिए है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक साइंस स्ट्रीम के छात्रों को प्रैक्टिकल क्लास की आवश्यकता है। शेष सभी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। इस फैसले पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने अपनी नाराजगी जताई है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने बताया कि लैबोरेट्री, प्रैक्टिकल एवं इसी प्रकार की गतिविधियों के लिए ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों हेतु विश्वविद्यालय खोला जा रहा है। फिलहाल केवल अंतिम वर्ष के छात्रों को ही कैंपस में यह ऑफलाइन सुविधाएं दी जा रही हैं।

अंतिम वर्ष के छात्र भी 50 फीसदी क्षमता के साथ ही क्लासरूम, लेबोरेटरी, हॉल आदि में रोटेशन के आधार पर आ सकते हैं। अभी केवल सीमित आधार पर ही प्रैक्टिकल एवं अन्य गतिविधियां शुरू की गई हैं।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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