जेईई-मेन परीक्षा लीक मामला: कांग्रेस ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से कराई जाए जांच

Last Updated 04 Sep 2021 03:21:37 PM IST

कांग्रेस ने जेईई-मेन परीक्षा में पेपर लीक के मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए इसे देश के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दिया।


कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लव, अलका लांबा और पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हर प्रतियोगिता परीक्षा को घोटाले का अड्डा बना दिया है और जेईई मेन जैसे प्रतिष्ठित परीक्षा में भी लाखों रुपये देकर पेपर लीक करवाये जा रहे हैं।

उनका कहना था कि हर प्रतिष्ठित परीक्षा के अब पेपर लीक हो रहे हैं और लाखों रुपए में पेपर बेचे जा रहे हैं। इस तरह से भारतीय जनता पार्टी ‘बेचते जाओ पेपर’ वाली पार्टी बनकर सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि देश में बड़ी परीक्षाओं की जिम्मेदारी इस सरकार में 2017 में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को दी थी लेकिन यह एजेंसी अविश्वसनीय बनकर सामने आई है। हर साल इसके द्वारा आयोजित परीक्षाओं में पेपर लीक हो रही है और एजेंसी जिम्मेदारी के निर्वहन में असफल हो रही है।

उन्होंने कहा कि यह सामान्य बात नहीं है कि देश की सबसे प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा के पेपर लीक हो रहे है। इसकी गहन जांच होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को सामने आकर युवाओं को विश्वास देना चाहिए कि वह इसके लिए जिम्मेदार हैं और भविष्य में ऐसी स्थिति पैदा नहीं होगी।

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह कहा कि ‘युवाओं के भविष्य’ से खिलवाड़ के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जवाबदेह हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा की सरकारों में पेपर लीक होना पुरानी बात है। यह सिलिसला व्यापमं से शुरू हुआ था और अब जेईई तक पहुंच गया है। देश के भविष्य और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है। ‘पेपर लीक सरकार’ को युवाओं को जवाब देना होगा क्योंकि युवाओं की सीट बेची जा रही है।’’

वल्लभ के मुताबिक, ‘‘हरियाणा के सोनीपत शहर से जेईई (मुख्य) परीक्षा पेपर लीक किये जाने का मामला सामने आया है। वहां कंप्यूटर में रिमोट एक्सेस के जरिये सवालों को कोई दूसरा हल कर रहा था। यह कक्षा 12वीं के बाद सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है। लेकिन 70 साल में पहली बार इसमें भी धांधली हुई है।’’

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘एनटीए का गठन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया गया था। हम शिक्षा मंत्री और एनटीए को सीधे जवाबदेह मानते हैं।’’

वल्लभ ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अगुवाई में समिति बने और पिछले सात वर्षों में हुईं प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं की जांच हो। यह पता लगाया जाए कि इन मामलों में कौन लोग शामिल थे।’’
 

भाषा/वार्ता
नई दिल्ली


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