इसरो का EOS-3 सैटेलाइट लॉन्चिंग मिशन फेल, लॉन्चिंग के दौरान क्रायोजेनिक इंजन में आई खराबी
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को गुरुवार को उस समय झटका लगा, जब उसका जीएसएलवी-एफ10 रॉकेट, जियो-इमेजिंग सैटेलाइट-1 (जीआईएसएटी-1) को कक्षा में स्थापित करने के अपने मिशन से चूक गया।
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भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि मिशन को पूरा करने के लिए रॉकेट का क्रायोजेनिक इंजन फायर-अप नहीं हुआ।
रॉकेट के साथ, 2,268 किलोग्राम जीआईसीएटी-1/ईओएस-03 संचार उपग्रह भी स्थापित नहीं हो सका। दोनों की कीमत कई सौ करोड़ रुपये से अधिक है।
मिशन की विफलता की घोषणा करते हुए, इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा, "क्रायोजेनिक चरण में तकनीकी विसंगति के कारण मिशन पूरा नहीं किया जा सका ।"
बाद में इसरो ने एक बयान में कहा, "जीएसएलवी-एफ10 लॉन्च 12 अगस्त, 2021 को भारतीय समयनुसार 5 बजकर 43 मिनट पर निर्धारित समय के अनुसार लॉन्च हुआ। पहले और दूसरे चरण का प्रदर्शन सामान्य था। हालांकि, तकनीकी विसंगति के कारण क्रायोजेनिक का अपर स्टेज इग्निशन नहीं हुआ। उद्देश्य के अनुसार मिशन पूरा नहीं किया जा सका।"
क्रायोजेनिक इंजन के नन-फायरिंग के कारण को इसरो द्वारा जांचना होगा, क्या एक दोषपूर्ण घटक इसका कारण था।
विडंबना यह है कि यह असफलता भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के जनक विक्रम साराभाई की जयंती पर हुई है।
रॉकेट के उड़ान भरने के महज पांच मिनट बाद ही यहां अंतरिक्ष केंद्र पर स्थित मिशन नियंत्रण तनावग्रस्त हो गया था।
रॉकेट को टेलीमेट्री स्क्रीन पर अपने प्लॉट किए गए पथ से दूर घूमते हुए देखा गया था और रॉकेट से कोई डेटा नहीं आ रहा था।
इसरो के अधिकारियों में से एक ने घोषणा की कि क्रायोजेनिक इंजन में एक प्रदर्शन विसंगति थी। तब अधिकारियों को एहसास हुआ कि मिशन विफल हो गया है और सिवन ने इसकी घोषणा की।
यह प्रक्षेपण इस साल अप्रैल या मई में होना था लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के चलते इसे टाल दिया गया था।
फरवरी में ब्राजील के भू-अवलोकन उपग्रह एमेजोनिया-1 और 18 अन्य छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद 2021 में इसरो का यह दूसरा मिशन था।
‘मिशन कंट्रोल सेंटर’ के वैज्ञानिकों ने इससे पहले बताया था कि उड़ान भरने से पहले, ‘लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड’ ने योजना के अनुसार सामान्य उड़ान भरने के लिए मंजूरी दी थी। पहले और दूसरे चरण में रॉकेट का प्रदर्शन सामान्य रहा।
कुछ मिनटों बाद हालांकि, वैज्ञानिकों को चर्चा करते देखा गया और रेंज ऑपरेशन्स निदेशक द्वारा मिशन कंट्रोल सेंटर में घोषणा की गई कि ‘‘ कुछ खराबी के कारण मिशन पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हो सका।’’
‘मिशन कंट्रोल सेंटर’ में रेंज ऑपरेशन्स निदेशक की घोषणा की, ‘‘ क्रायोजेनिक चरण में, प्रदर्शन में विसंगति देखी गई। मिशन पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हो सका।’’
इस अभियान का उद्देश्य नियमित अंतराल पर बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय पर तस्वीरें उपलब्ध कराना, प्राकृतिक आपदाओं की त्वरित निगरानी करना और कृषि, वनीकरण, जल संसाधनों तथा आपदा चेतावनी प्रदान करना, चक्रवात की निगरानी करना, बादल फटने आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करना था।
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