मानसून सत्र: राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित, पेगासस मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा

Last Updated 27 Jul 2021 12:30:37 PM IST

संसद के मानसून सत्र का आज सातवां दिन है। आज भी संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है। सोमवार को पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया।


राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा और अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक एक बार के स्थनग के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगाामा जारी रहा और नारेबाजी के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कुछ पूरक सवालों के जवाब भी दिए। हालांकि हंगामे के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी।

उपसभापति ने आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा कि वे अन्य सदस्यों के सवाल पूछने के अधिकार छीन रहे हैं। उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कोविड दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा।

सदन में भाजपा के उपनेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने नारेबाजी में प्रयुक्त शब्दों पर आपत्ति जतायी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्यों ने मास्क भी नहीं पहन रखा है। उन्होंने कहा कि वहां कई अधिकारी भी बैठे हैं जिनके संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है।

इसके बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा और उपसभापति ने 12 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

हंगामे के कारण उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।

इससे पहले सुबह बैठक शुरू होने पर सदन ने अपने पूर्व सदस्य वसीम अहमद, मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ और जाम्बिया के प्रथम राष्‍ट्रपति तथा संस्‍थापक डॉक्‍टर केनेथ कोंडा को श्रद्धांजलि दी।

आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने शून्यकाल के तहत भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी का नाम पुकारा और उनसे उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा। सुशील कुमार मोदी ने अपनी बात कहने का प्रयास किया लेकिन इसी दौरान कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य आसन के समक्ष भी आ गए।

सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने का आग्रह किया। इसके बाद भी सदन में शोरगुल जारी रहने पर उन्होंने अप्रसन्नता जतायी और कहा कि सदस्यों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस हंगामे से अन्य चीजों के अलावा देशहित को भी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने रवैये पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।

उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं बनी और उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

भाषा
नई दिल्ली


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