मानवाधिकार और लोकतंत्र एक राष्ट्र का मसला नहीं : भारत
भारत ने कहा है कि मानवाधिकार और लोकतंत्र जैसे मुद्दे सार्वभौमिक हैं और ये किसी एक विशेष राष्ट्रीय अथवा सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य से परे हैं।
मानवाधिकार और लोकतंत्र एक राष्ट्र का मसला नहीं : भारत |
भारत का यह बयान अमेरिका के उस बयान का जवाब माना जा रहा है, जिसमें उसने कहा है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत के आगामी दौरे में मानवाधिकार और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर बात करेंगे। ब्लिंकन दो दिवसीय दौरे के लिए मंगलवार को भारत पहुंचेंगे।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत दीर्घकाल से ही एक बहुलतावादी समाज रहा है। भारत उन देशों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है जो विविधता के मूल्य को अब पहचानने लगे हैं। एक सूत्र के मुताबिक भारत का मानना है कि मानवाधिकार और लोकतंत्र जैसे मुद्दे सार्वभौमिक हैं और किसी एक विशेष राष्ट्रीय अथवा सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य से परे हैं। भारत को इन दोनों ही क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों पर गर्व है और वह इन क्षेत्रों में अपने अनुभवों को साझा करने के लिए उत्साहित है। अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री डीन थॉम्प्सन ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि ¨ब्लकन अपनी यात्रा के दौरान भारतीय अधिकारियों के समक्ष मानवाधिकारों और लोकतंत्र जैसे मुद्दों को उठाएंगे। थॉम्प्सन ने संवाददाताओं से कहा, जहां तक मानवाधिकारों और लोकतंत्र की बात है, मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि हम भारत के सामने इन मुद्दों को उठाएंगे।
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