‘ड्रोन टेरर’ का पीओके से हो रहा कंट्रोल!
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में हुए विस्फोट की मिस्ट्री की हिस्ट्री परत दर परत खुलती जा रही है। अब तक की जांच और खुफिया रिपोर्ट से मालूम हो रहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवाद का नया हथियार बना है ड्रोन और उसका कंट्रोल है पीओके में।
‘ड्रोन टेरर’ का पीओके से हो रहा कंट्रोल! |
हालांकि जांच एजेंसी ने अपने निष्कषरे का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उसका इशारा आतंकी संगठन लश्कर, हिजबुल और जैश की ओर है। वैसे इस बाबत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बैठक के बाद जहां पाक सेना और पाक खुफिया एजेंसी का ब्लड प्रेशर हाई हो गया है, वहीं आतंकियों को मौत का भय सताने लगा है।
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड की स्पेशल बम स्क्वॉड एयर फोर्स स्टेशन ब्लास्ट की जांच कर रही है। अभी तक की जांच में आरडीएक्स और टीएनटी विस्फोटक इस्तेमाल किए जाने की बात आई है। सूत्र कह रहे हैं कि जम्मू ब्लास्ट में क्वाड कॉप्टर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जिसे क्वाडरोटर भी कहा जाता है। ये एक खास किस्म का ड्रोन है, जो अब आतंकियों का नया हथियार बन गया है। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन अटैक के पीछे भी पाकिस्तान का ही हाथ बताया जा रहा है। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि पाकिस्तानी आतंकी एक साल से भारत में बड़े ड्रोन अटैक की तैयारी कर रहे थे। लश्कर और हिजबुल मिलकर हिंदुस्तान के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे थे।
जम्मू में एयरफोर्स स्ट्रेशन पर ड्रोन धमाके के बाद इंटेलिजेंस सूत्रों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी आतंकवादी लंबे समय से इसकी तैयारी कर रहे थे। लश्कर-ए-तैयबा मई, 2020 से ड्रोन हमले की तैयारी कर रहा था। इसको लेकर पिछले साल रमजान से दो दिन पहले पीओके में आतंकियों की बैठक हुई थी, जिसमें ड्रोन हमले की रणनीति फाइनल की गई। पीओके की बैठक में जकी-उर-रहमान लखवी, हमजा अदनान, मोसा भाई शामिल था। इसके अलावा उस मीटिंग में सैयद सलाउद्दीन, खालिद सैफुल्ला, ताहिर एजाज भी मौजूद था।
आतंकी संग्ठन लश्कर की साजिश ड्रोन के जरिए जम्मू-कश्मीर में हिजबुल आतंकियों को आईईडी और ग्रेनेड भेजने की थी। हमले के लिए एक खास किस्म का ड्रोन पीओके में तैयार किया जा रहा था। यह ड्रोन तीन किमी तक आईईडी ले जाने में सक्षम था। ड्रोन को नीचे लाने के साथ ब्लास्ट से उड़ाया जा सकता था। जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन ब्लास्ट में भी यही मॉड्यूल देखने को मिला।
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