आपातकाल की 46वीं बरसी पर मोदी सहित कई भाजपा नेताओं ने की कांग्रेस की आलोचना, बताया- 'काला अध्याय'
इतिहास में 25 जून 1975 का दिन भारत के लिहाज से एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह रहा है। आज ही के दिन देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई। आज उसकी 45वीं बरसी है।
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आपातकाल की 46वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उन ‘‘काले दिनों’’ को कभी नहीं भूला जा सकता जब संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने देशवासियों से भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करने और संवैधानिक मूल्यों का पालन करने का प्रण लेने को कहा।
मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘आपातकाल के काले दिनों को कभी नहीं भूला जा सकता। वर्ष 1975 से 1977 की अवधि ने देखा कि कैसे संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आइए, हम सब भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने और संविधान में प्रदत्त मूल्यों के अनुरूप जीने का प्रण लें।’’
The #DarkDaysOfEmergency can never be forgotten. The period from 1975 to 1977 witnessed a systematic destruction of institutions.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2021
Let us pledge to do everything possible to strengthen India’s democratic spirit, and live up to the values enshrined in our Constitution.
भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने और आपातकाल का विरोध करने वालों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने भाजपा की ओर से सोशल मीडिया के मंच इंस्टाग्राम पर जारी किए गए पोस्ट के एक लिंक को भी साझा किया जिसमें जिक्र किया गया है कि आपातकाल के दौर में भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद पर बनी फिल्मों, किशोर कुमार के गानों, महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरणों तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस प्रकार से कांग्रेस ने हमारे लोकतंत्र को कुचल दिया था।’’
भाजपा नेताओं ने आपातकाल की 46वीं बरसी पर शुक्रवार को कांग्रेस की जम कर निंदा की और आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले ‘‘सत्याग्रहियों’’ को याद किया। उल्लेखनीय है कि देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल लागू रहा। इंदिरा गांधी उस समय देश की प्रधानमंत्री थीं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैद कर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया।’’
1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैदकर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया। pic.twitter.com/SvFmEXKYcn
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2021
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है। उन्होंने कहा, ‘‘21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को नमन।’’
एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है।
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2021
21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को नमन।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए आपातकाल की घोषणा की थी जो भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन सभी सत्याग्रहियों को नमन करता हूं, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का विरोध किया, और लोकतांत्रिक मूल्यों की आस्था को संजोकर रखा।’’
वर्ष 1975 में, आज ही के दिन कांग्रेस ने राजनीतिक स्वार्थों के लिए आपातकाल की घोषणा की, जो भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 25, 2021
मैं उन सभी सत्याग्रहियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का विरोध किया, और लोकतांत्रिक मूल्यों की आस्था को संजोकर रखा। pic.twitter.com/xCzqxlVACL
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस का नाम पाखंड है। आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करने वाली कांग्रेस ने ही देश में आपातकाल लगाया था और सारी स्वतंत्रता ख़्त्म कर दी थी। आपातकाल ही कांग्रेस का सही स्वरुप है।’’
कांग्रेस का नाम पाखंड है। आज अभिव्यक्ति स्वतंत्रता की बात करने वाली कांग्रेस ने ही देश में इमरजेंसी लगाई और सारी स्वतंत्रता ख़त्म कर दी। इमरजेंसी यह कांग्रेस का सही स्वरुप है। #Emergency1975
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 25, 2021
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने आपातकाल को देश के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन बताया और कहा, ‘‘लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश के करोड़ों लोगों ने अपना सर्वस्व लगाकर संघर्ष किया। उन्होंने यातनाएं झेली और जेल गए। उन सभी लोकतंत्र के रक्षकों को मेरा नमन।’’
25 जून 1975 का दिन देश के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन था, इस दिन देश में इमर्जेन्सी लगा दी गयी थी। लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश के करोड़ों लोगों ने अपना सर्वस्व लगाकर संघर्ष किया। उन्होंने यातनाएँ झेली और जेल गए।उन सभी लोकतंत्र के रक्षकों को मेरा नमन। #DarkDaysOfEmergency pic.twitter.com/H3Y7oh2OxN
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) June 25, 2021
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि ‘‘गरीबी हटाओ’’ का नारा देने वाली कांग्रेस ने आपातकाल लागू कर गरीबों के मुंह का निवाला छीनने का घनघोर पाप किया था और उस दौरान सच्चाई के लिए उठने वाली हर आवाज पर जुल्म ढाये गये थे।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘समय होत बलवान। समय ने करवट बदली और आपातकाल लगाकर जनता की शक्ति छीनने वाले स्वयं शक्तिहीन होकर कहीं के न रहे।’’
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1977 में आपातकाल हटा लिया था और उसके बाद लोकसभा चुनाव कराने का फैसला किया था। इस चुनाव में कांग्रेस को जनता पार्टी के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। आजादी के बाद हुए चुनावों में कांग्रेस को मिली यह सबसे बड़ी पराजय थी।
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