जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

Last Updated 24 Jun 2021 02:46:27 PM IST

जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक विश्वास बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसने 5 अगस्त, 2019 को अपना विशेष दर्जा खो दिया था।


जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

सुलह वापसी और प्रवासियों के पुनर्वास के अध्यक्ष सतीश महलदार ने कहा कि राज्य का नुकसान जम्मू-कश्मीर के लोगों की एक गहरी शिकायत है, क्योंकि इसने उन्हें एक निश्चित स्थिति और प्रत्यक्ष शक्ति से वंचित कर दिया।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग दशकों से पीड़ित हैं, खासकर आतंकवाद के आने के बाद से, जिसने इस जगह के राजनीतिक और जनसांख्यिकीय मानचित्र को प्रभावित किया है।

महलदार ने अपनी मांग रखते हुए कहा, "जो हमारा अधिकार है उसे वापस देने का यह एक उपयुक्त समय है। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्द से जल्द घोषित किया जाना चाहिए। लेकिन राज्य के साथ जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा भी बहाल किया जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि बात दरअसल यह है कि जम्मू-कश्मीर दो शत्रु देशों पाकिस्तान और चीन से घिरा हुआ है और यह आतंकवाद से भी बुरी तरह से पीड़ित है । इसलिए इस केंद्र शासित प्रदेश को विशेष दर्जा देना अनिवार्य हो जाता है।



हम इन चीजों के साथ विशेष दर्जे की मांग करते हैं:

1) अल्पसंख्यकों और वंचित समुदायों को गारंटीकृत और संरक्षित अधिकार।

2) नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग की स्थापना में स्थानीय लोगों को वरीयता।

3) भूमि की सुरक्षा।

4) विधानसभा में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व।

उन्होंने आगे कहा, "जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने से बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय का डर भी दूर हो जाएगा। अब समय आ गया है कि मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों को राहत देने के लिए कुछ साहसिक पहल करें।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment