जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की गरिमा से कोई समझौता नहीं: पीएजीडी
पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने घोषणा की कि उसके वे सभी नेता गुरुवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में भाग लेंगे, जिन्हें केंद्र सरकार ने आमंत्रण दिया है लेकिन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की गरिमा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
गुपकर जन घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) |
अनुच्छेद 370 पर कोई समझौता नहीं
इस बीच, पीएजीडी के एक घटक अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एएनसी) के उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह ने कहा कि भारतीय संविधान के तहत प्रदत्त अनुच्छेद 370 पर कोई समझौता नहीं होगा। श्री शाह को बैठक के लिए केंद्र का आमंत्रण नहीं मिला है।
पीएजीडी के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी और मैं अपनी मांगों को रखने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी गयी बैठक में शामिल होंगे। हमें विश्वास है कि हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के सामने अपना रुख रखेंगे।’’
जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों को केंद्र के निमंत्रण पर चर्चा करने के लिए गुपकर रोड पर डॉ. अब्दुल्ला के आवास पर पीएजीडी नेताओं की बैठक बुलायी गयी थी।
पीएजीडी नेताओं ने कहा, ‘‘हालांकि बैठक का कोई निर्धारित एजेंडा नहीं है, हम विशेष दर्जे की बहाली और राजनीतिक बंदियों की रिहाई सहित अपनी सभी मांगें रखेंगे। हम केंद्र के किसी भी निर्णय को स्वीकार करेंगे जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के पक्ष में होगा लेकिन, हम ऐसे किसी भी प्रस्ताव को खारिज कर देंगे, जिसे हम लोगों के हित के खिलाफ मानते हैं।’’
श्रीनगर से सांसद डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि गठबंधन के नेता बैठक में यह जानने के लिए शामिल होंगे कि केंद्र को क्या कहना है और वे लोगों की मांगों को उसके समक्ष भी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं, महबूबा और तारिगामी हर कोई बैठक में बात करेगा क्योंकि हम सभी को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया गया है न कि गठबंधन के रूप में। हमारा रुख सब जानते हैं। केंद्र ने कोई एजेंडा तय नहीं किया है। हम वहां हर मसले के बारे में बात कर सकते हैं।
पीएजीडी के अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जिन नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया है, उन्हें औपचारिक रूप से बैठक में शामिल होने और अपने-अपने दलों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा जायेगा।
कैदियों की रिहाई के साथ ही विश्वास बहाली के उपाय चाहते हैं
इस सवाल पर कि क्या वह चाहती थीं कि डॉ. अब्दुल्ला उनकी ओर से बैठक में भाग लें, सुश्री महबूबा ने कहा कि पीएजीडी के प्रमुख होने के नाते यह स्पष्ट है कि वह हम सभी का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने कहा कि डॉ. अब्दुल्ला ने पीएजीडी के तीनों सदस्यों को बैठक में भाग लेने के लिए कहा है क्योंकि सभी को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम बातचीत के खिलाफ नहीं हैं, आप सभी जानते हैं कि पीडीपी संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद हमेशा बातचीत की वकालत करते थे। लेकिन, हम कोरोना महामारी के मद्देनजर राजनीतिक और अन्य कैदियों की रिहाई के साथ ही विश्वास बहाली के उपाय चाहते हैं।
सुश्री महबूबा ने कहा, ‘‘यदि केंद्र जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंचना चाहता है तो उसे देश भर की विभिन्न जेलों में बंद इन कैदियों को रिहा करना चाहिए। केंद्र का चाहे जो भी एजेंडा हो, हम उसके सामने अपना एजेंडा रखेंगे। हम राजनीतिक और अन्य कैदियों की रिहाई की भी मांग करेंगे। अगर उन्हें रिहा नहीं किया जा सकता है, तो उन्हें कम से कम जम्मू-कश्मीर की जेलों में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए ताकि उनके परिवार के सदस्य उनसे मिल सकें।’’
राज्य को विशेष दर्जे की बहाली और राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग
पीएजीडी के प्रवक्ता यूसुफ तारिगामी ने कहा कि हालांकि बैठक का कोई निर्धारित एजेंडा नहीं है, गठबंधन के नेता विशेष दर्जे की बहाली और राजनीतिक बंदियों की रिहाई जैसी मांगें रखेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र के किसी भी निर्णय को स्वीकार करेंगे जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के पक्ष में होगा लेकिन, हम ऐसे किसी भी प्रस्ताव को खारिज कर देंगे, जिसे हम लोगों के हित के खिलाफ मानते हैं। हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की मांगों को रखेंगे।’’
श्री तारिगामी ने कहा, ‘‘हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम उनकी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। हम जम्मू-कश्मीर की विशेष दर्जे की बहाली की मांग करेंगे जो पहले से ही भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त है। हम प्रधानमंत्री से इस पर पुनर्विचार करने को कहेंगे।’’
इस बीच, अनंतनाग से नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने कहा कि चार अगस्त, 2019 की स्थिति की बहाली सर्वदलीय बैठक में पीएजीडी की मुख्य मांग होगी। उन्होंने डॉ अब्दुल्ला के आवास पर पीएजीडी की अहम बैठक में शामिल होने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए यह बात कही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को जम्मू-कश्मीर में आठ राजनीतिक दलों के 14 नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश के लिए भविष्य की योजना पर चर्चा की जाएगी।
केंद्र ने चार पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती के अलावा चार उपमुख्यमंत्रियों- मुजफ्फर हुसैन बेग, तारा चंद, निर्मल सिंह और कविंदर गुप्ता को आमंत्रित किया है। छह अन्य राजनीतिक दलों के नेता में माकपा के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, अपनी पार्टी के मोहम्मद अल्ताफ बुखारी, पैंथर्स पार्टी के प्रोफेसर भीम सिंह, भाजपा के रविंदर रैना और कांग्रेस के जी.ए मीर को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है।
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया था और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को निरस्त कर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने पहली बार इस तरह की पहल की है।
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