प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 को 'वन अर्थ-वन हेल्थ' का मंत्र दिया

Last Updated 13 Jun 2021 01:00:13 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-7 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए कोरोना वायरस महामारी से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ (वन अर्थ-वन हेल्थ) दृष्टिकोण को अपनाने का आह्वान किया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भविष्य की महामारी को रोकने के लिए वैश्विक एकजुटता, नेतृत्व और तालमेल का आह्वान करते हुए मोदी ने चुनौती से निपटने के लिए लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड संबंधी प्रौद्योगिकियों पर पेटेंट छूट के लिए भारत, दक्षिण अफ्रीका द्वारा डब्ल्यूटीओ में दिए गए प्रस्ताव के लिए जी-7 के समर्थन का भी आह्वान किया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार को लेकर सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के सहयोग की प्रतिबद्धता जतायी। उन्होंने कोविड संबंधी प्रौद्योगिकियों पर ट्रिप्स  के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा डब्ल्यूटीओ में दिए गए प्रस्ताव पर जी-7 के समर्थन का भी आह्वान किया।’

जी-7 से ट्रिप्स समझौते में छूट दिये जाने का आह्वान

भारत ने विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वाले सात देशों के समूह जी-7 की बैठक में कोविड-19 महामारी के टीके के विनिर्माण के लिए ट्रिप्स समझौते रियायत दिये जाने तथा टीका बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला को खुला रखने का आह्वान किया जिसे व्यापक समर्थन मिला।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ब्रिटेन में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के पहले सा में  वीडियो लिंक के माध्यम से भाग लिया जिसका शीषर्क ‘‘बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्गर -हैल्थ’’ था जो कोविड महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने तथा भविष्य में होने वाली महामारियों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता सशक्त करने पर केन्द्रित था।

श्री मोदी ने कोविड-19 जैसी महामारियों की भविष्य में रोकथाम के लिए लोकतांत्रिक एवं पारदर्शी समाजों को विशेष रूप से जिम्मेदार बताते हुए वैश्विक नेतृत्व एवं एकजुटता कायम करने का आह्वान किया।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने महामारी से मुकाबले में भारत के पूरे समाज की भागीदारी तथा हर स्तर पर सरकार, उद्योग एवं नागरिक समाज के बीच गहन समन्वय के व्यवहार को रेखांकित किया। उन्होंने संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों की पहचान एवं टीकाकरण प्रबंधन के लिए डिजीटल माध्यम के उपयोग की सफलता की जानकारी दी और कहा कि भारत इस बारे में अपने अनुभव एवं विशेषज्ञता को साझा करने का इच्छुक है।

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्वास्थ्य प्रशासन को सुदृढ़ करने के सामूहिक प्रयास का समर्थन करने के भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की तथा टीका के विनिर्माण के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापारिक पहलुओं (ट्रिप्स) पर समझौते में रियायत देने के लिए विश्व व्यापार संगठन में भारत एवं दक्षिण अफ्रीका द्वारा पेश प्रस्ताव को जी-7 का समर्थन मांगा। ऑस्ट्रेलिया एवं अन्य देशों ने भी इसका मजबूती से समर्थन किया। भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि टीका बनाने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला खुली रखी जाये जिससे भारत जैसे देशों में टीका उत्पादन बढ़ाया जा सके। इस बात को भी व्यापक समर्थन मिला।

श्री मोदी रविवार को दो सत्रों में भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन का आयोजन हाइब्रिड मॉड में किया जा रहा है। सम्मेलन की अध्यक्षता ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कर रहे हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल आदि प्रत्यक्ष रूप में शामिल हुए हैं।

भाषा
नई दिल्ली


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