ब्लैक फंगस न तो नई बीमारी है और न ही संक्रामक : विशेषज्ञ
जम्मू कश्मीर में छाती रोग (सीडी) अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नवीद नजीर शाह ने रविवार को लोगों को फिर से आश्वस्त किया कि ब्लैक फंगस को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि यह ना तो कोई नयी बीमारी है और ना ही संक्रामक, बस एहतियात बरतने की जरुरत है।
ब्लैक फंगस न तो नई बीमारी है और न ही संक्रामक : विशेषज्ञ |
डॉ. नवीद ने कहा कि लोगों से स्वयं दवा लेने से बचने, उच्च जोखिम वाले रोगियों की पहचान कर उनको ब्लड शुगर नियंत्रण में रखने की जरुरत बतायी है। उन्होंने कहा, ‘‘म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) कोई नई बीमारी नहीं है और न ही यह संक्रामक है। हमें केवल स्टेरॉयड जैसी दवा से बचने, उच्च जोखिम वाले रोगियों की पहचान करने और ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि नवंबर 2020 में म्यूकरमाइकोसिस के एक मामले का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया है और एक अन्य संदिग्ध मामले को उसके साथ भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों कोविड से संक्रमित होने के बाद और मधुमेह से पीड़ित थे।’’
केन्द्रशासित प्रदेश में शुक्रवार की रिपोर्ट में बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में गुरुवार को कोरेाना के संक्रमण से ठीक हुए एक 40 वर्षीय व्यक्ति की ब्लैक फंगस से संक्रमित होने के कारण मौत हो गयी थी।
इस बीच, डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर (डाक) ने शनिवार को कोविड-19 रोगियों में स्टेरॉयड के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी क्योंकि इससे घातक ब्लैक फंगस संक्रमण हो सकता है। डाक के अध्यक्ष और इन्फ्लूएंजा विशेषज्ञ डॉ निसार उल हसन ने कहा,‘‘स्टेरॉयड का अंधाधुंध उपयोग घातक ब्लैक फंगस संक्रमण के प्रसार में सहायक होता है, जो देश के कई राज्यों में महामारी का रूप ले चुका है।’’
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