चीन के साथ ‘निर्थक बातचीत’ करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रही है सरकार: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि सरकार देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रही है और चीन के साथ उसकी बातचीत ‘निर्थक’ रही है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (file photo) |
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग में चीन का कब्जा दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी समेत भारत के सामरिक हितों के लिए सीधा खतरा है।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘भारत सरकार ने (चीन के साथ) निर्थक बातचीत करके राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़े पैमाने पर खतरे में डाल दिया है।’’
राहुल गांधी ने यह टिप्प्णी उस वक्त की है जब ऐसी खबरें आई हैं कि पूर्वी लद्दाख गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग से अपने सैनिक पीछ हटाने से मना कर दिया है।
भारतीय सेना ने पिछले दिनों एक बयान में कहा था कि दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले शेष हिस्सों हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग से सैनिकों की वापसी को लेकर विस्तृत चर्चा की और संयुक्त रूप से जमीन पर स्थायित्व कायम करने, नए विवादों से बचने और शेष मुद्दों के शीघ्र निपटारे पर सहमति जतायी है।
Chinese occupation of Gogra-Hot Springs & Depsang plains is a direct threat to India’s strategic interests including the DBO airstrip.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 19, 2021
National security massively jeopardised by GOI’s wasteful talks.
Our nation deserves better.
कांग्रेस ने रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर चीन के लिए भारत के रणनीतिक हितों को आत्मसमर्पण करने और राष्ट्रीय सुरक्षा में मजबूरी के साथ समझौता करने का आरोप लगाया था, जिसमें बताया गया था कि चीन ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपासांग से सैनिकों को अंतिम दौर की कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के दौरान वापस जाने से इनकार कर दिया है।
पार्टी महासचिव अजय माकन ने एक बयान में पूछा, "मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 तक यथास्थिति सुनिश्चित करने की योजना कैसे बनाई। चीन के साथ सैन्य वार्ता विफल होने और हमारी क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करने के बाद मोदी सरकार को चीन से हमारे क्षेत्र को वापस लेने की क्या योजना है। इस पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए।"
माकन ने कहा था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 13 फरवरी को संसद से कहा था कि देपासांग समेत दूसरी टकराव वाली जगहों अगले दौर की सैन्य वार्ता में चर्चा के लिए उठाए जाएंगे, लेकिन अब चीन वापस चला गया है।
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