राहुल गांधी ने कोरोना वैक्सीन की कमी और प्रियंका ने परीक्षा को लेकर मोदी सरकार को घेरा
कोरोना वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी |
उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में कोविड-रोधी टीके की कमी होने की खबरें आई हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढते संकट के बीच टीके की कमी होना बहुत गंभीर समस्या है और केंद्र सरकार को पक्षपात किए बिना सभी राज्यों की मदद करनी चाहिए।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘बढते कोरोना संकट में टीके की कमी एक अतिगंभीर समस्या है, ‘उत्सव’ नहीं है। अपने देशवासियों को खतरे में डाल कर वैक्सीन का निर्यात करना क्या सही है?’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार सभी राज्यों की, बिना पक्षपात के मदद करे। हम सबको मिल कर इस महामारी को हराना होगा।’’
बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी एक अतिगंभीर समस्या है, ‘उत्सव’ नहीं-
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 9, 2021
अपने देशवासियों को ख़तरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट क्या सही है?
केंद्र सरकार सभी राज्यों को बिना पक्षपात के मदद करे।
हम सबको मिलकर इस महामारी को हराना होगा।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि देश में एक बार फिर से बढ रहे कोरोना संकट के बीच बच्चों को परीक्षा में बैठने को लेकर विवश करने के लिए सीबीएसई जैसे बोर्ड जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा रद्द की जाए या फिर ऐसी व्यवस्था की जाए कि बच्चों को भीड़ वाले परीक्षा केंद्रों पर जाने की जरूरत न पड़े।
कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर से हमारे देश को अपनी चपेट में ले रहा है । ऐसे में परीक्षा का दबाव डालने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। हमारी शिक्षा व्यवस्था को अपने रुख में व्यापक बदलाव करने की जरूरत है और बच्चों के प्रति संवेदनशीलता तथा करुणा का भाव दिखाना चाहिए, न कि इस बारे में सिर्फ सम्मेलनों एवं संगोष्ठियों में बात की जानी चाहिए।’’
प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘‘मौजूदा हालात में बच्चों को परीक्षा में बैठने के वास्ते विवश करने के लिए सीबीएसई जैसे बोर्ड पूरी तरह जिम्मेदार हैं।’’ उन्होंने सरकार से आग्रह किया, ‘‘बोर्ड की परीक्षाओं को या तो रद्द किया जाए या फिर इनके कार्यक्रम में बदलाव किए जाएं अथवा इस तरह से परीक्षा आयोजित की जाए कि बच्चों को भीड़भाड़ वाले किसी परीक्षा केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं हो।’’
While corona is ravaging our country again, the added pressure of exams is bound to affect the mental health of children. Our education system needs to drastically alter its attitude and start reflecting sensitivity and compassion towards children rather than just talk ..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 9, 2021
दरअसल, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 2021 की बोर्ड परीक्षाओं से संबंधित संशोधित डेटशीट के अनुसार, 10वीं कक्षा की परीक्षा चार मई से सात जून के बीच होगी तो 12वीं कक्षा की परीक्षा चार मई से 15 जून के बीच आयोजित की जाएंगी।
इस बीच, एक दिन में कोविड-19 के 1,31,968 नए मामले सामने आने के बाद शुक्रवार को देश में संक्रमितों की कुल संख्या 1,30,60,542 हो गई। वहीं, 780 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढकर 1,67,642 हो गई है।
उल्लेखनीय है कि एक दिन में कोविड-19 के 1,31,968 नए मामले सामने आने के बाद शुक्रवार को देश में संक्रमितों की कुल संख्या 1,30,60,542 हो गई। वहीं, 780 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढकर 1,67,642 हो गई है।
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