हिन्दी को आगे बढ़ाने में राजर्षि टंडन के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता : सहारा समय के ग्रुप एडिटर और उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड के चैनल हेड रमेश अवस्थी
एमिटी लॉ स्कूल ने रविवार को विधि के छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक व रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग होने वाली हिन्दी भाषा को सरलतम ढंग से परिचित कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन जी (File photo) |
प्रतियोगिता के समापन अवसर पर आयोजित वेबिनार में बतौर अतिथि बोलते हुए न्यूज चैनल सहारा समय के ग्रुप एडिटर और सहारा समय उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड के चैनल हेड रमेश अवस्थी ने कहा कि हिन्दी को आगे बढ़ाने में राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। कुछ विचारकों के अनुसार स्वतंत्रता प्राप्त करना उनका पहला साध्य था। हिन्दी को वे साधन मानते थे। उनका मानना था कि यदि हिन्दी भारतीय स्वतंत्रता के आड़े आएगी तो मैं स्वयं उसका गला घोंट दूंगा।
अवस्थी ने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी ने सर्वप्रथम हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र में स्थापित करवाकर हिन्दी का मान बढ़ाया। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्वव्यापी सम्माननीय बनाने में अग्रसर हैं। उनका सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों से हिंदी में बात करना एक अनुकरणीय प्रयास है। गृह मंत्री अमित शाह का भी मानना है कि सरकारी कामकाज में हिन्दी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना चाहिए। वह खुद हिन्दी में कामकाज करने के पक्षधर हैं।
उन्होंने कहा कि निश्चित ही वकालत के पेशे में हिन्दी भाषा का अत्यंत महत्व है। न्यायालय में अदालती कार्यशैली में छात्र-छात्राओं को राष्ट्रभाषा के नजदीक लाने के लिए हिन्दी के प्रयोग की महती आवश्यकता है। उन्होंने आह्वान किया कि आइये हम सब मिलकर हिंदी को विश्व के शिखर पर ले जाएं और हिंदी को सर्वव्यापक और शक्तिशाली बनाने में अपना योगदान दें।
वेबिनार को राम भवन मिश्रा (जस्टिस इलाहाबाद उच्च न्यायालय), रविन्द्र सिंह (जस्टिस इलाहाबाद उच्च न्यायालय), एके पटनायक (न्यायिक सदस्य और एचओडी केंद्रीय प्रशासनिक सदस्य कटक ओडीशा) और हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी दिल्ली के संस्थापक अध्यक्ष सुधाकर पाठक ने भी सम्बोधित किया।
| Tweet |