सरकारी बैंकों में दूसरे दिन भी हड़ताल, सेवाओं पर पड़ सकता है असर

Last Updated 16 Mar 2021 11:45:34 AM IST

सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में दूसरे दिन भी हड़ताल रही। बैंकों की नौ कर्मचारी और अधिकारी यूनियनों के संयुक्त मंच ने दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।


बैंक हड़ताल के दूसरे दिन भी महाराष्ट्र में बैंक सेवाओं पर असर दिखाई दिया। हड़ताल के दूसरे दिन बैंक सेवाओं से जुड़े करीब 50 हजार कर्मचारी, अधिकारी हड़ताल पर रहे। बैंकों से नकदी निकालने, चेक क्लीयरेंस और दूसरे कार्य पर असर देखा गया।  

यूनियंस का दावा है कि हड़ताल के पहले दिन 15 मार्च को करीब दो करोड़ चेक की क्लीयरेंस प्रभावित हुई हैं जिनमें 16,500 करोड़ रुपये तक भुगतान अटक गया। पहले दिन कई बैंकों के एटीएम में नकदी भी समाप्त हो चली थी।      

अंकेले मुंबई में ही करीब 86 लाख चेक और दूसरे उपकरणों को क्लीयर नहीं कर पाये जिसमें 6,500 करोड़ रुपये का भुगतान आगे नहीं हो पाया। आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन (एआईबीईए) ने एक वक्तव्य में कहा है कि बैंकों का निजीकरण करना समस्या का हल नहीं है। यह विकासशील भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से नकारात्मक कदम है।   

 

इन यूनियनों ने सोमवार को कहा कि बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उन्होंने अपनी हड़ताल को सफल बताया।     

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021- 22 के बजट भाषण में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर चुकी है। बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेची गई। इसके अलावा 14 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय भी किया गया है।       

आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेशन (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा, हड़ताल के आह्वान पर बैंकों के कर्मचारी और अधिकारियों ने हड़ताल में भाग लिया। उन्होंने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया। हड़ताल के कारण सामान्य बैकिंग सेवायें प्रभावित रहीं।

भाषा
नई दिल्ली


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