गोगरा, हॉट स्प्रिंग, गलवान से पीछे हटने लगीं दोनों सेनाएं

Last Updated 16 Feb 2021 12:31:22 AM IST

पेंगोंग त्सो झील के साथ ही विवाद के तीन प्रमुख बिंदुओं हॉट स्प्रिंग, कोबरा पोस्ट और गलवान घाटी से भी दोनों सेनाएं पीछे हटना शुरू हो गई है।


पैंगोंग झील के फिंगर 4 क्षेत्र को खाली कर रही चीनी सेना

भारत और चीन के बीच डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया इस हफ्ते के आखिर तक पूरी होने की संभावना है, उसके बाद अगली प्रक्रिया सेना की संख्या में कमी करना है।

सूत्रों के अनुसार, पेंगोंग त्सो के फिंगर 4 में चीन द्वारा बनाए गए पक्के ढांचे को तोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। चीन ने फिंगर 4 के रिज एरिया में भी पक्के बंकर तैयार कर लिए थे। भारत ने फिंगर 3 के पास धनसिंह थापा पोस्ट पर पक्का निर्माण किया है। धनसिंह थापा पोस्ट भारतीय सेना की नियमित चौकी है। इसलिए भारत को अपने ढांचे नहीं गिराने होंगे जबकि चीन को अपने ढांचे को गिरा कर फिंगर 8 से आगे जाना होगा। उसके बाद दोनों सेनाएं फिंगर 8 और फिंगर 4 के बीच नाव के जरिए पेट्रोलिंग कर सकेंगे, जैसा 5 मई 2019 से पहले करते थे।

सैन्य सूत्रों ने बताया, गलवान घाटी, गोगरा पोस्ट और हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों से भी दोनों सेनाओं का पीछे हटना शुरू हो गया है। इन तीनों बिंदुओं पर दोनों तरफ की सेनाएं आमने-सामने खड़ी थीं। सेना का कहना है कि डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया इस हफ्ते खत्म होने के बाद दोनों सेनाएं सर्वे करेंगी और 48 घंटे के अंदर कोर कमांडर लेबल की 10वीं बैठक होगी जिसमें तय कार्यक्रम के अनुसार सेनाओं की संख्या कम करने (डी-एस्केलेशन) पर चर्चा होगी।

अभी दोनों तरफ से एक लाख से अधिक सैनिक कठोर भौगोलिक परिस्थितियों में माइनस 35 डिग्री तापमान में वास्तविक नियंत्रण रेखा के आमने सामने खड़े हैं। जब चीन को अहसास हो गया कि भारतीय सेना पीछे हटने वाली नहीं है और उसे ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है तब उसने डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन पर समझौता कर लिया है।

अब चीनी सैनिक अपने हटे रहने के लिए बनाए गए शेल्टर (आश्रय) को नष्ट कर रहे हैं और अन्य संरचनाओं को भी हटा रहे हैं, जो उन्होंने कब्जे के दौरान स्थापित की थी।

यह भारत और चीन के बीच एलएसी के पास कई बिंदुओं पर चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सैनिकों के पीछे हटने संबंधी समझौते के अनुसार हो रहा है।

समझौते में कहा गया है कि चीनी सैनिक फिंगर 8 पर वापस चले जाएंगे और भारतीय सेना पैंगोंग झील के उत्तरी तट के फिंगर 2 और 3 के बीच धन सिंह थापा पोस्ट पर वापस आ जाएगी। इसके अलावा, पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त सहित सैन्य गतिविधियों पर एक अस्थायी रोक होगी।



झील में पास स्थित पर्वत को कई सैन्य टुकड़ियों में विभाजित किया गया है, जिसे फिंगर्स कहा जाता है। झील के उत्तरी किनारे को आठ फिंगर्स में बांटा गया है। भारत ने फिंगर 8 तक अपने क्षेत्र का दावा किया है और चीन फिंगर 4 तक अपने दावों पर अड़ा है। यही वजह है कि दोनों देशों की सेना कई बार इन क्षेत्रों में आमने-सामने आ जाती है और पिछले कुछ महीनों से तो दोनों सेनाएं कई स्थानों पर आमने-सामनेकी स्थिति में बनी हुई है।

झील के उत्तरी तट पर आठ किलोमीटर की दूरी पर फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच दो सेनाओं के बीच नियमित रूप से आमने-सामने वाली स्थिति बनती आई है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि फिंगर 4 क्षेत्र में सैनिकों की संख्या में काफी कमी हो गई है। अधिकारी ने यह भी कहा कि पीएलए अपनी नौकाओं को झील से निकाल रहा है। चीन ने एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के लिए फिंगर 4 पर और झील के दक्षिणी क्षेत्र में सेना के साथ अन्य सुविधाओं में इजाफा किया था।

झील के पास फिंगर 8 क्षेत्र से परे नावों को तैनात किया गया था।

एक बार जब सैनिकों की वापसी सुनिश्चित हो जाएगी, तब दोनों पक्षों की ओर से गश्त फिर से शुरू की जाएगी।

इसके अलावा भारतीय और चीनी सेना झील के दक्षिणी किनारे से भी पीछे हटने लगी है, जहां दोनों देशों के जवान आमने-सामने थे।

यही नहीं, झील के दक्षिणी तट पर तैनात किए गए टैंक भी दोनों देशों की सेनाओं द्वारा वापस बुला लिए गए हैं।

भारत और चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग 10 महीने से आमने-सामने है और दोनों देश फिलहाल गतिरोध को समाप्त करने के लिए कदम उठा रहे हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो/रोशन
नई दिल्ली


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