सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने उठाया किसानों का मुद्दा

Last Updated 30 Jan 2021 04:04:43 PM IST

संसद में बजट 2021-22 पेश किए जाने से पहले सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने जल्द से जल्द किसानों के मुद्दे को सुलझाने का सरकार से आग्रह किया।


संसद में बजट 2021-22 पेश किए जाने से पहले सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग लेने के वास्ते सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दलों के नेता शामिल हुए तथा जल्द से जल्द किसानों के मुद्दे को सुलझाने का सरकार से आग्रह किया।

विपक्षी दलों ने सरकार को दो माह से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार को उनसे  बात करने का आग्रह किया और कहा कि जब तक किसान सड़कों पर हैं तब तक किसी भी  दल के लिए संसद सत्र में सुचारू रूप से कामकाज करना आसान नहीं होगा।

प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को यहां हुई वर्चुअल बैठक में  राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, द्रविड़ मुन्ने कषगम के आर बालू, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय सहित कई  दलों के नेताओं ने किसानों से जुड़े मुद्दे को उठाया और सरकार से बातचीत कर  तत्काल इस संकट का समाधान निकालने का आग्रह किया।

बैठक  में जनता दल यू ने कृषि संबंधी कानूनों का समर्थन किया जबकि बीजू जनता दल  के पिनाकी मिश्र ने बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने की सरकार से  मांग की।  लोकसभा में बीजद दल के नेता पिनाकी मिश्रा ने  कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को राज्य सभा से पारित हुए 10 साल हो गए हैं,  ऐसे में समय आ गया है कि अब ये विधेयक लोकसभा से भी पारित हो। उन्होंने  कहा कि बीजद के अध्यक्ष और ओड़िसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सरकार से  अनुरोध किया है कि बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित हो।

मिश्रा ने कहा, ‘‘बीजद एकमा दल है जिसने 2019 के लोकसभा चुनाव में  ओड़िसा की 21 में से सात लोकसभा सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें पांच बीजद और दो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला उम्मीदवारों  को जीत मिली। इस लिहाज से ओड़िसा एकमात्र राज्य है जहां एक तिहाई महिला  सांसदों का प्रतिनिधित्व है।’’  मिश्रा ने कहा, ‘‘ भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों के अलावा  वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) जैसे दलों ने  पूर्व में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर खुले तौर पर पटनायक की मांग का  समर्थन किया है। ऐसे में इसी विधेयक के पारित होने में कोई समस्या नहीं  होनी चाहिए।’’

शिवसेना तथा शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने  भी सरकार से किसानों की मांग मानते हुए कृषि संबंधित तीनों कानूनों को  वापस लेने की मांग की।

गौरतलब है कि कांग्रेस सहित 17 विपक्षी दल कृषि संबंधित तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं  और इसको वे सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। इन दोनों ने शुक्रवार को  राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के संसद के केंद्रीय कक्ष में दिए गए अभिभाषण का  भी बहिष्कार किया था।

वार्ता
नई दिल्ली


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