किसान आंदोलन: सद्भावना दिवस मना रहे किसानों ने रखा उपवास, गाजीपुर में टिकैत से मिलने नेताओं की होड़
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान नेता शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को ‘सदभावना दिवस’ के रूप में मना रहे हैं और विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर उन्होंने एक दिन का उपवास रखा गया।
सद्भावना दिवस मना रहे किसान, दिनभर का रखा उपवास |
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य एवं किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन और मजबूत होगा क्योंकि आने वाले दिनों में और किसान इसमें शामिल होंगे।
गाजीपुर में टिकैत से मिलने नेताओं की होड़
विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े कई नेताओं ने भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के साथ एकजुटता दिखाने के लिए शनिवार को गाजीपुर सीमा का दौरा किया। गाजीपुर प्रदर्शन स्थल किसान आंदोलन का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। राकेश पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं, जिन्होंने 30 साल पहले दिल्ली के बोट क्लब में एक विशाल किसान रैली की थी। गुरुवार को उनकी भावुक अपील ने किसान आंदोलन के रूख को मोड़ दिया, जिसे किसान आंदोलन के एक महत्वपूर्ण मोड़ के रुप में देखा जा रहा है।
टिकैत के भाषण से पहले अधिकांश किसान पहले से ही बड़े पैमाने पर पुलिस की उपस्थिति से भयभीत थे और साइट छोड़ना शुरू कर दिया था, लेकिन टिकैत के भाषण ने उन्हें आंदोलन में फिर से शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
गाजीपुर की सीमा तक पहुंचने वाले सबसे पहले नेता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी थे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह ने कहा है कि 'यह किसानों के लिए करो या मरो की स्थिति है और हमें इसके लिए एकजुट होना होगा।'
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, दिल्ली कांग्रेस की नेता अलका लांबा और हरियाणा के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी टिकैत को समर्थन देने के लिए गाजीपुर की सीमा पर गए।
शनिवार को दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अनिल कुमार चौधरी ने भी विरोध स्थल का दौरा किया और कहा कि 'कांग्रेस किसानों के समर्थन में है।'
कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने शुक्रवार को फिर से कहा कि पार्टी किसानों के मुद्दे का जल्द समाधान चाहती है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी राकेश टिकैत से बात की और किसानों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में किसान नेताओं ने भाजपा और केंद्र सरकार की निंदा करते हुए आरोप लगाया था कि वह ‘शांतिपूर्ण’ प्रदर्शन को ‘नष्ट’ करने की कोशिश कर रही है।
किसान नेताओं ने दावा किया कि गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत को बृहस्पतिवार रात को कथित तौर पर पुलिस द्वारा हटाए जाने की कोशिश करने के बाद से गाजीपुर, सिंघू एवं टिकरी बॉर्डर सहित अन्य धरना स्थलों पर प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या बढ रही है।
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