‘जय श्रीराम’ नारे से नाराज हुई ममता, नहीं दिया भाषण
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में तब बोलने से इनकार कर दिया जब प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में वहां ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए गए।
‘जय श्रीराम’ नारे से नाराज हुई ममता, नहीं दिया भाषण |
महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी की 125वीं जयंती मनाने के लिए विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में बनर्जी ने अपना भाषण शुरू नहीं किया था। उसी समय तभी भीड़ में शामिल कुछ लोगों द्वारा नारा लगाया गया। बनर्जी ने कहा, ऐसा ‘अपमान’ अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा, ‘यह एक सरकारी कार्यक्रम है, कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं। एक गरिमा होनी चाहिए। किसी को लोगों को आमंत्रित करके अपमानित करना शोभा नहीं देता। मैं नहीं बोलूंगी। जय बांग्ला, जय हिंद।’ उन्होंने सरकारी कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री और संस्कृति मंत्रालय को भी धन्यवाद दिया।
विक्टोरिया मेमोरियल में प्रधानमंत्री मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ आए। ममता के पोडियम पर भाषण देने से पहले सबकुछ ठीक था। जैसे ही ममता ने भाषण देना शुरू किया, तो दर्शकों का एक वर्ग ‘जय श्रीराम’ का नारे लगाने लगा, जिससे स्पष्ट रूप से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को नाराज कर दिया।
इस घटना का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद नुसरत जहां ने सरकारी कार्यों में राजनीतिक और धार्मिक नारों की निंदा की। जहां ने ट्वीट किया, नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती समारोह कार्यक्रम में राजनीतिक और धार्मिक नारों की निंदा करती हूं।
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