सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने कहा- तीनों कानूनों को रद्द करने की जरूरत
कांग्रेस ने कृषि कानूनों को लेकर चल रही बातचीत पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से निराशा जताए जाने के बाद सोमवार को कहा कि तीनों को कानून रद्द करने की जरूरत है।
रणदीप सुरजेवाला (फाइळ फोटो) |
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक मुद्दों का निर्णय करता है, राजनीतिक बेईमानी से खेती को पूंजीपतियों के दरवाजे पर बेचने की साज़िश का नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सवाल 3 कृषि विरोधी कानूनों में एमएसपी व अनाजमंडियों को ख़्ात्म करने का है, किसान को अपने ही खेत में गुलाम बनाने का है। इसलिए कानून रद्द करने होंगे।’’
सुप्रीम कोर्ट सविंधानिक मुद्दों का निर्णय करती है,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 11, 2021
राजनीतिक बेईमानी से खेती को पूँजीपतियों की ड्योढ़ी पर बेचने की साज़िश का नही।
सवाल 3 कृषि विरोधी कानूनों में MSP व अनाजमंडियों को ख़त्म करने का है,
किसान को अपने ही खेत में ग़ुलाम बनाने का है,
उसके लिए क़ानून रद्द करने होंगे
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर जिस तरह से केन्द्र और किसानों के बीच बातचीत चल रही है, उससे वह ‘‘बेहद निराश’’ है।
प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, ‘‘ क्या चल रहा है? राज्य आपके कानूनों के खिलाफ बगावत कर रहे हैं।’’ उसने कहा, ‘‘ हम बातचीत की प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।’’
पीठ ने कहा, ‘‘हम आपकी बातचीत को भटकाने वाली कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन हम इसकी प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।’’
पीठ में न्यायमूर्ति एस. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमणियन भी शामिल थे।
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