पीएम मोदी ने किया कोच्चि-मंगलुरु गैस पाइपलाइन का उद्घाटन, बताए फायदे
पीएम मोदी ने मंगलवार को 450 किलोमीटर लंबी कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया। इस पाइपलाइन को तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
मोदी ने किया कोच्चि-मंगलुरु गैस पाइपलाइन का उद्घाटन |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऊर्जा को लेकर अपनी सरकार का खाका साझा किया। इसके तहत उन्होंने ऊर्जा के उपभोग में स्वच्छ प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी दोगुनी से अधिक करने, ऊर्जा के स्रोतों को विविध बनाने, पूरे देश को एक गैस पाइपलाइन ग्रिड से जोड़ने और लोगों व उद्यमों को किफायती ईंधन मुहैया कराने का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने 450 किलोमीटर लंबी कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनकी सरकार आर्थिक विकास को बढावा देने के लिये राजमार्ग, रेलवे, मेट्रो, विमानन, जल, डिजिटल और गैस संपर्क पर अभूतपूर्व काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा को लेकर योजना पर सरकार एकीकृत रुख अपना रही है। ऊर्जा का हमारा एजेंडा सर्व-समावेशी है। इस पाइपलाइन को तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
मोदी ने कहा कि एक तरफ पांच-छह साल में प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के नेटवर्क को दोगुना कर करीब 32 हजार किलोमीटर का बनाया जा रहा है, दूसरी ओर गुजरात में सौर व पवन ऊर्जा को मिलाकर दुनिया के सबसे बड़े हाइब्रिड अक्षय ऊर्जा संयंत्र पर काम चल रहा है।
इनके अलावा आवागमन के इलेक्ट्रिक साधनों के साथ ही जैव ईंधन के विनिर्माण पर जोर दिया जा रहा है।
PM Narendra Modi inaugurates the Kochi-Mangaluru natural gas pipeline, via video conferencing; says, "It is an honour to dedicate the 450-km pipeline to the nation. This is an important day for India, especially for people of Karnataka and Kerala." pic.twitter.com/G7UuoqfCOb
— ANI (@ANI) January 5, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 साल की अवधि में गन्ना व अन्य कृषि उत्पादों से तैयार इथेनॉल करीब 20 प्रतिशत पेट्रोल का स्थानापन्न कर देगा। यह ईंधन की जरूरतों की पूर्ति के लिये तेल के आयात पर देश की निर्भरता के साथ ही कार्बन का उत्सर्जन कम करेगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा बास्केट में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी अभी के 6.2 प्रतिशत से बढाकर 15 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से इस पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि देश में स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता को बढावा देने के साथ ही शहरी गैस परियोजनाओं में इसकी भूमिका अहम होगी।
उन्होंने कहा कि देश में वाहनों में सीएनजी का इस्तेमाल 1992 के आस-पास ही शुरू हो गया था, लेकिन 2014 तक देश में 900 सीएनजी स्टेशन ही लगाये जा सके थे। पिछले छह साल में सीएनजी स्टेशनों की संख्या बढकर 1,500 हो गयी है। अब इनकी संख्या बढाकर 10 हजार करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि 2014 तक 25 लाख घरों के पास ही रसोई गैस के लिये पाइप (प्राकृतिक गैस) कनेक्शन थे। अब ये बढकर 72 लाख घरों तक पहुंच गये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम स्वच्छ, किफायती और टिकाऊ ऊर्जा उपलब्ध कराने पर काम कर रहे हैं।’’
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