’तार्किक समाधान‘ के लिए न्योता, किसानों के प्रस्ताव के जवाब में सरकार ने 40 किसान संगठनों को बुधवार को बुलाया
सरकार ने वार्ता की तारीख और समय अवश्य बदला, लेकिन यह अच्छी बात है कि वह किसानों की शर्तों को नजरअंदाज करके बुधवार दोपहर 2 बजे 40 किसान संगठनों के साथ वार्ता के लिए तैयार हो गई है।
नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बार्डर पर बैठे प्रदर्शनकारी किसान। |
सरकार द्वारा सोमवार को उठाए गए इस कदम का उद्देश्य नए कानूनों पर जारी गतिरोध का एक ‘तार्किक समाधान’ निकालना है।
हमेशा कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव किसानों को पत्र भेजते थे। इस बार सचिव ने पत्र भेजा है और कृषि कानून, एमएसपी, पराली और विद्युत विधेयक पर खुले मन से चर्चा करने का वादा किया है। प्रमुख किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता है कि वार्ता मंगलवार की बजाय बुधवार को हो रही है। उन्होंने कहा, हमारी दिलचस्पी अपनी मांगों पर समाधान में है। सरकार से मिले वार्ता के पत्र के बाद किसान नेताओं ने बैठक की और तय किया कि वह भी सरकार को पत्र भेजेंगे।
बैठक में मौजूद रहे एक किसान नेता ने कहा कि ईमेल के जरिए सरकार को पत्र भेजकर यह याद दिलाया जाएगा कि बातचीत का क्रम वही (पहले कृषि कानून को रद्द करने की प्रक्रिया और एमएसपी कानून की प्रक्रिया, पराली अध्यादेश और विद्युत विधेयक का मसौदा) रहेगा जो पिछले पत्र में बताया गया था। उन्होंने कहा, वार्ता के लिए किसान न तो अपने किसी मुद्दे से पीछे हटेंगे और न उनका क्रम बदलेंगे। यह पूछे जाने पर कि ऐसी जिद क्यों है, तो उन्होंने कहा कि वह सरकार को खूब समझते हैं, आंदोलन खत्म होने के बाद सरकार कोई मांग पूरी नहीं करेगी।
जल्द समाधान की उम्मीद : तोमर
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के बीच ‘सुनियोजित तरीके से’ ‘झूठ की दीवार’ खड़ी की गई है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा और प्रदर्शनकारी किसानों को जल्द सच्चाई का अहसास होगा। मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि गतिरोध का जल्द समाधान ढूंढ लिया जाएगा। तोमर ने कंफेडरेशन ऑफ एनजीओ ऑफ रूरल इंडिया की तरफ से आयोजित डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निराशा जताई कि कुछ लोगों ने आंदोलनकारी किसानों के दिलों में ‘सुनियोजित तरीके से गलतफहमी पैदा कर दी है।’ कई किसान इन कानूनों के बारे में ‘सकारात्मक सोचने’ लगे हैं।
गृह मंत्री के साथ कृषि मंत्री की बैठक : वार्ता को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल की बैठक हुई। किसानों के साथ वार्ता ये दोनों केंद्रीय मंत्री ही कर रहे हैं। गृहमंत्री से परामर्श के बाद ही कृषि मंत्रालय के सचिव ने किसानों को पत्र भेजा है।
पवार और येचुरी मिले : एनसीपी नेता शरद पवार और माकपा नेता सीताराम येचुरी की मुलाकात में भी किसान आंदोलन पर चर्चा हुई। किसान आंदोलन में वामदलों के किसान संगठन काफी सक्रिय हैं। दोनों नेताओं ने किसानों की मांगों पर चिंता तो जताई लेकिन यह साफ नहीं किया कि विपक्ष के इरादे क्या हैं?
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