जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं कोई कंपनी किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकती: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि जब तक नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तब तक कोई कंपनी किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकती है।
'जब तक मोदी PM हैं कोई भी किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता' |
उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेगी और मंडियां बंद नहीं होंगी।
राष्ट्रीय राजधानी के किशनगढ़ गांव में लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अगर किसान संगठन यह सोचते हैं कि नए कृषि कानूनों का कोई भी प्रावधान उनके हितों के खिलाफ है तो केंद्र सरकार इसपर चर्चा करने और खुले मन से विचार करने को तैयार है।
शाह ने कांग्रेस सहित विपक्ष पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि कानूनों के अन्य प्रावधानों के बारे में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष सरासर झूठ बोल रहा है। मैं फिर से दोहराता हूं कि एमएसपी जारी रहेगी और मंडियां कभी बंद नहीं होंगी। किसानों का कल्याण हमारी सरकार की प्राथमिकता है।’’
शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2014-19 के कार्यकाल में फसल पर डेढ़ गुना एमएसपी देने की वर्षों पुरानी मांग को लागू किया।
शाह ने कहा कि यूपीए सरकार ने दस साल में सिर्फ 60 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी की, लेकिन मोदी सरकार ने ढाई साल में ही दस करोड़ किसानों के खाते में 95 हजार करोड़ रुपये भेजे। सीधे खाते में धनराशि जाने से बीच में एक पैसा बिचौलियों के पास नहीं गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुनने के लिए आयोजित हुए इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर याद करते हुए संबोधन शुरू किया। भारत माता की जय के नारे लगवाते हुए उन्होंने किसानों को लेकर मोदी सरकार की संचालित एक-एक योजनाओं का हवाला दिया। इस दौरान उन्होंने किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पूर्व की मनमोहन सरकार पर निशाना भी साधा।
अमित शाह ने कहा, जब प्रधानमंत्री मोदी किसान सम्मान निधि योजना लेकर आए तो राहुल बाबा ने कहा किसानों का कर्ज माफ करो। 10 साल यूपीए की सरकार रही। सिर्फ 60 हजार करोड़ का लोन माफ किया था। नरेंद्र मोदी ने ढाई साल के अंदर ही 10 करोड़ किसानों को 95 हजार करोड़ रुपये सीधे बैंक अकाउंट में दिया। आज और 18 हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में जाएगा। बीच में कोई बिचौलिया नहीं होगा। इसको कहते हैं किसानों का हितैषी होना।
गृहमंत्री अमित शाह ने इस दौरान आंकड़ों के जरिए बताया कि सोनिया-मनमोहन के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने किसानों के लिए कई गुना बजट बढ़ाया है। उन्होंने कहा, किसान हितों की बात करने वाले राहुल बाबा से पूछना चाहते हूं कि उनकी सरकार किसानों को कितना बजट देती थी? 2013-14 में जब यूपीए की सरकार थी, तब किसानों का बजट था 21,900 करोड़ रुपए। अभी प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के लिए अंतरिम बजट 21,900 करोड़ से बढ़ाकर 1,34,399 करोड़ रुपये किया।
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि कांग्रेस की यूपीए सरकार में 265 मिलियन टन फसल उत्पादन था, जो आज मोदी सरकार में बढ़कर 296 मिलियन टन हो गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, वो झूठ बोलकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
अमित शाह ने कहा, एमएसपी बंद होने का झूठ फैलाया जा रहा है। पीएम ने स्पष्ट कर दिया है और मैं भी स्पष्ट कर रहा हूं कि एमएसपी थी, है और हमेशा के लिए रहने वाली है। यूपीए वालों को एमएसपी के लिए बोलने का अधिकार नहीं है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने वर्ष 2014-19 के बीच किसानों को लागत से डेढ़ गुना भाव दिया। 2009 से 2014 के बीच धान और गेहूं की खरीद के लिए तीन लाख 74 हजार करोड़ रुपया खर्च होता था। जबकि मोदी सरकार ने वर्ष 2014-19 में आठ लाख 22 हजार करोड़ रुपये खर्च किया। मोदी सरकार ने किसानों की बेहतरी के लिए मुद्रा स्वास्थ्य सहित कई योजनाएं संचालित कीं हैं।
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