किसानों को सरकार का फिर न्योता, 40 किसान नेताओं को भेजा गया पत्र, किसान नेता बोले, तीन शर्तें पूरी होने पर करेंगे वार्ता
सरकार ने किसानों को खुले मन से वार्ता करने का लिखित प्रस्ताव भेजा है,जिसमें बस यही कहा गया है कि कृषि कानूनों से अलग नई मांगे नहीं की जाएं।
नई दिल्ली : गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करते पंजाबी गीतकार एवं गायक। |
किसान इस पर शुक्रवार को बैठक करेंगे। हालांकि प्रमुख किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने पूछने पर वार्ता के लिए तीन शर्तें बताई।
उन्होंने कहा कि पहला एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) स्वामीनाथन के सी2 प्लस 50% फार्मूले पर चाहिए। दूसरा सभी फसलों की सरकारी खरीद एमएसपी पर करने का लिखित आश्वासन। तीसरा जमाखोरी पर रोक जारी रहे। जब प्रमुख किसान नेता से पूछा गया कि क्या अब वार्ता के लिए पहले कृषि कानून रद्द करने या स्थगित करने पर जोर नहीं है तो उन्होंने कहा कि वार्ता तो बताई गई तीन शर्तों पर हो सकती है और ये शर्तें भी कृषि कानून से सम्बंधित ही हैं।
किसान संगठनों ने आईटी सेल के वेबिनार की वजह से बृहस्पतिवार को बैठक नहीं की। इससे पहले सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को वार्ता के लिए बृहस्पतिवार को फिर आमंत्रित किया। साथ ही स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से संबंधित किसी भी नई मांग को एजेंडे में शामिल करना ‘तार्किक’ नहीं होगा। इसका नए कृषि कानूनों से कोई संबंध नहीं है।
कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने 40 किसान नेताओं को लिखे तीन पन्नों के पत्र में कहा, ‘मैं आपसे फिर आग्रह करता हूं कि सरकार प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए सभी मुद्दों पर खुले मन से और अच्छे इरादे से चर्चा करती रही है और ऐसा करती रहेगी। कृपया अगले दौर की वार्ता के लिए तारीख और समय बताएं।’ सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछले पांच दौर की वार्ता का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है।
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