PM मोदी ने हरिवंश का किया बचाव, राष्ट्रपति को लिखे पत्र को किया साझा
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के समर्थन में खुलकर आने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उच्च सदन में हंगामे के मुद्दे पर उप सभापति द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे एक पत्र को साझा किया।
![]() प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) |
प्रधानमंत्री ने कहा, "माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें।"
उक्त पत्र में, उप सभापति ने कुछ राज्यसभा सदस्यों के हिंसक व्यवहार का उल्लेख किया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वह जेपी (जयप्रकाश नारायण) के गांव में पैदा हुए थे, जिनके सामाजिक सुधार आह्वान ने अतीत में भारत की राजनीति को बदल दिया था। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हंगामे ने उन्हें कैसे प्रभावित किया है।
उपसभापति ने दिनकर को उद्धृत करते हुए कहा कि वह उच्च सदन में कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा रविवार को किए गए हंगामे के खिलाफ एक दिन का उपवास रखेंगे।
माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें। pic.twitter.com/K9uLy53xIB
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, "हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए। लेकिन आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश जी ने उन्हीं लोगों को सवेरे-सवेरे अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई।"
हंगामा करने वाले आठ निलंबित सांसद सोमवार से संसद भवन परिसर में धरने पर बैठे थे। बाद में इन सांसदों ने धरना समाप्त कर दिया।
यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है। मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
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