गिरीश चंद्र मुर्मू ने नए CAG के रूप में संभाला कार्यभार, राष्ट्रपति कोविंद ने दिलाई शपथ
गिरीश चंद्र मुर्मू ने शनिवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) पद की शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
![]() मुर्मू ने नए CAG के रूप में संभाला कार्यभार |
राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
Delhi: President Kovind administers the oath of office to GC Murmu as Comptroller and Auditor General (CAG), at Rashtrapati Bhavan.
— ANI (@ANI) August 8, 2020
Murmu stepped down as the Lieutenant Governor of Jammu & Kashmir earlier this week. pic.twitter.com/SeQiqnPclk
मुर्मू देश के 14वें कैग प्रमुख हैं। उन्होंने राजीव महर्षि के स्थान पर यह जिम्मेदारी संभाली है। मुर्मू ने ईश्वर के नाम पर हिंदी में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
मुर्मू बाद में सीएजी कार्यालय गए, जहां भारतीय लेखागार और अकाउंट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
Delhi: GC Murmu takes charge as the Comptroller and Auditor General (CAG) of India. Also pays tribute to Mahatma Gandhi & BR Ambedkar at CAG office.
— ANI (@ANI) August 8, 2020
He stepped down as the Lieutenant Governor of Jammu & Kashmir earlier this week. pic.twitter.com/m64wUQykf0
मुर्मू ने 5 अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के उपराज्यपाल के पद से इस्तीफा दिया था। 5 अगस्त को ही जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने की वर्षगांठ थी।
उत्कल विश्वविद्यालय से राजनीतिक शास्त्र से परास्नातक मुर्मू ने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघम से एमबीए की डिग्री हासिल की है।
ओडिशा के मयूरभंज में 21 नवंबर 1959 को जन्में मुर्मू 1985 बैच के गुजरात से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उन्होंने डॉ. समिता मुर्मू से शादी की है और उनकी एक बेटी रूचिका मुर्मू व बेटा रूहान मुर्मू है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल उन्हें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया था। वह इस पद पर पिछले साल 31 अक्टूबर को नियुक्त हुए और इस साल पांच अगस्त तक रहे।
प्रधानमंत्री के भरोसेमंद नौकरशाह मुर्मू, मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके प्रधान सचिव की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। उनके पास प्रशासन, आर्थिक और आधारभूत क्षेत्रों का लंबा अनुभव है।
उनका कार्यकाल छह वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक रहेगा।
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