अन्य देशों की अपेक्षा भारत में मृत्यु दर कम, रिकवरी दर बेहतर : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नोएडा, मुंबई और कोलकाता में उच्च श्रेणी के तीन कोविड-19 टेस्टिग सेंटर का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जनवरी में देश में कोरोना के टेस्ट के लिए जहां मात्र एक सेंटर था, आज करीब 1300 प्रयोगशाला पूरे देश में काम कर रही हैं। आज भारत में 5 लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं। आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नोएडा, मुंबई और कोलकाता में हाईटेक कोविड-19 टेस्टिंग लैब का वीडियो कांफ्रेंसिंग से शुभारंभ करते हुए कहा कि देश में जिस तरह सही समय पर सही फैसले लिए गए, आज उसी का परिणाम है कि भारत अन्य देशों के मुकाबले, काफी संभली हुई स्थिति में है। आज हमारे देश में कोरोना से होने वाली मृत्यु, बड़े-बड़े देशों के मुकाबले, काफी कम है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुए इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी ऑनलाइन शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कोरोना के खिलाफ इस बड़ी और लंबी लड़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण था कि देश में तेजी के साथ कोरोना स्पेसिफिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो। इसी वजह से बहुत शुरूआत में ही केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान कर दिया था।"
आइसोलेशन सेंटर हों, कोविड स्पेशल हॉस्पिटल हो, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रैकिंग से जुड़ा नेटवर्क हो, भारत ने बहुत ही तेज गति से अपनी क्षमताओं का विस्तार किया। आज भारत में 11 हजार से ज्यादा कोविड फेसिलिटीज हैं, 11 लाख से ज्यादा आइसोलेशन बेड्स हैं।
कोरोना महामारी के दौरान हर कोई सिर्फ एक ही संकल्प के साथ जुटा है कि एक-एक भारतीय को बचाना है। इस संकल्प ने भारत को हैरतअंगेज परिणाम दिए हैं। विशेषकर पीपीई, मास्क और टेस्ट किट्स को लेकर भारत ने जो किया, वो एक बड़ी सक्सेस स्टोरी है।
सिर्फ 6 महीना पहले देश में एक भी पीपीई किट मैन्यूफैक्चरर नहीं था। आज 1200 से ज्यादा मैन्यूफैक्च रर हर रोज 5 लाख से ज्यादा पीपीई किट बना रहे हैं। एक समय भारत एन-95 मास्क भी बाहर से ही मंगवाता था। आज भारत में 3 लाख से ज्यादा मास्क हर रोज बन रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक और बड़ा चैलेंज था, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए देश में ह्यूमन रिसोर्स को तैयार करना। जितने कम समय में हमारे पैरामेडिक्स, आशावर्कर्स, एएनएम, आंगनबाड़ी और दूसरे हेल्थ और सिविल वर्कर्स को प्रशिक्षित किया गया, वो भी अभूतपूर्व है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आज हम उस स्थिति पर आ चुके हैं, जहां हमारे पास जागरूकता की कमी नहीं है, साइंटिफिक डेटा का विस्तार हो रहा है और संसाधन भी बढ़ रहे हैं। हमें मिलकर नया हेल्थ इंफ्रा तो तैयार करना ही है, जो हमारे पास गांव-गांव में सरकारी और प्राइवेट डिस्पेंसरीज हैं, क्लीनिक हैं, उनको ज्यादा सक्षम भी बनाना है। ये हमें इसलिए भी करना है, ताकि हमारे गांवों में कोरोना से लड़ाई कमजोर न पड़े।"
उन्होंने कहा, "आने वाले समय में बहुत से त्यौहार आने वाले हैं। हमारे ये उत्सव, उल्लास का कारण बनें, लोगों में संक्रमण न फैले, इसके लिए हमें हर सावधानी रखनी है। हमें ये भी देखते रहना होगा कि उत्सव के इस समय में गरीब परिवारों को परेशानी ना हो।"
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