मोदी की अपील- कोरोना संकट अब भी गंभीर, आगे भी बरतें सावधानी

Last Updated 31 May 2020 11:36:06 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संकट के समय हम भारतवासियों ने दिखा दिया है कि सेवा और त्याग का हमारा विचार, केवल हमारा आदर्श नहीं बल्कि भारत की जीवनपद्धति है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कोरोना के प्रभाव से हमारी मन की बात भी अछूती नहीं रही। पिछली मन की बात की समय पैसेंजर ट्रेन, बसें, हवाई सेवा बंद थी। इस बार काफी कुछ खुल चुका है। दो गज दूरी का नियम हो या मुंह पर मास्क लगाने की बात हो जहां तक हो सके घर में ही रहना है। इन सब बातों का पूरा ध्यान रखना है और जरा भी ढिलाई नहीं बरतनी है। कोरोना संकट अब भी उतना ही गंभीर है। लापरवाही नहीं चल सकती।"

'हमें दो गज की दूरी सुनिश्चित करनी होगी'

मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है। जो नुकसान हुआ है उसका दुख हम सबको है। लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाए हैं, वो निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है। हमारी जनसंख्या ज्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल सका, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला। हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है। मन की बात में भी मैंने उसका जिक्र किया है। सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दूसरों की सेवा में लगे व्यक्ति के जीवन में कोई डिप्रेशन, या तनाव, कभी नहीं दिखता। उसके जीवन में भरपूर आत्मविश्वास, सकारात्मकता और जीवंतता प्रतिपल नजर आती है। देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है और वो है- देशवासियों की सेवाशक्ति।

'इस योग दिवस पर सभी प्राणायाम करने की कोशिश करें'

प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट में सहायक योग और आयुर्वेद पर विश्व के नेताओं के साथ बातचीत और उनकी उत्सुकता का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी के इस समय में योग का महत्व बढ़ा है। विश्व के नेताओं की दिलचस्पी योग और आयुर्वेद में बढ़ी है। मेरी विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई है। उनकी इन दिनों योग और आयुर्वेद के संबंध में बहुत ज्यादा दिलचस्पी होती है।

उन्होंने कहा कि योग- 'कम्यूनिटी, इम्यूनिटी और यूनिटी' सबके लिए अच्छा है। हर जगह लोग योग और उसके साथ-साथ आयुर्वेद के बारे में और ज्यादा जानना चाह रहे हैं। कितने ही लोग जिन्होंने कभी योग नहीं किया अब वे भी ऑनलाइन योगा क्लास से जुड़ गए हैं या ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से योग सीख रहे हैं।

मोदी ने कहा, योग आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि कोरोना वायरस हमारी श्वसन प्रणाली को सबसे अधिक प्रभावित करता है। योग में तो श्वसन प्रणाली को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं। 'कपालभाती', 'अनुलोम-विलोम', 'प्राणायाम' से अधिकतर लोग परिचित होंगे। लेकिन 'भस्त्रिका', 'शीतली', 'भ्रामरी' जैसे कई प्राणायाम के प्रकार हैं, जिसके, अनेक लाभ हैं। इससे रोग प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ती है।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की है कि वे इस योग दिवस पर प्राणायाम करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि हॉलीवुड तक में लोग योग को अपना रहे हैं।

मोदी ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने 'माई लाइफ माई योगा' नाम से अंतर्राष्ट्रीय वीडियो ब्लॉग  प्रतियोगिता शुरू की है। पूरी दुनिया के लोग इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं। उन्होंने लोगों से प्रतियोगिता में अवश्य भाग लेने का आग्रह किया।

उन्होंने 'आयुष्मान भारत' योजना की सफलता पर सभी लाभार्थियों, डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ को बधाई देते हुए कहा कि ये एक करोड़ से ज्यादा परिवारों के लिए जीवनदायी और संकटमोचक साबित हुआ है।

मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी 80 फीसदी ग्रामीण इलाकों में से 50 फीसदी लाभार्थी माता-बहन और बेटियां हैं। इस योजना के तहत 70 फीसदी लोगों ने सर्जरी कराई है और बड़ी तकलीफों से मुक्ति मिली है। 'आयुष्मान भारत' योजना के तहत मुफ्त इलाज से गरीबों के जीवन में जो सुख-संतोष मिला है, उस पुण्य के असली हकदार आप और हमारे  ईमानदार करदाता भी हैं।

टिड्डी दल के हमले से प्रभावित सभी लोगों को मदद दी जाएगी: मोदी

तूफान अम्फान से हुए नुकसान पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान तूफान के कहर से किसानों का भारी नुकसान हुआ है लेकिन उन्होंने जिस बहादुरी के साथ हालात का सामना किया है वो प्रशंसनीय है। संकट की इस घड़ी में देश भी हर तरह से उन लोगों के साथ खड़ा है।

प्रधानमंत्री ने देश में हुए टिड्डी दल के हमले का जिक्र किया। मोदी ने कहा कि टिड्डियों के हमलों से प्रभावित सभी लोगों को मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस हमले से पता चला कि एक छोटा सा जीव भी कितना नुकसान पहुंचाता है। इस संकट से निपटने के उपाय किए जा रहे हैं और इस संकट से भी निजात मिल जाएगी।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई को आम जनता ही लड़ रही है। आत्मनिर्भर भारत के अभियान को लोगों ने अपना मिशन बना लिया है।

'कोरोना संकट की सबसे बड़ी चोट गरीब मजदूर वर्ग पर पड़ी है '

उन्होंने कहा कि संकट की सबसे बड़ी चोट गरीब मजदूर वर्ग पर पड़ी है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए सरकार के स्तर से स्किल मैंपिंग, माइग्रेशन कमीशन आदि कार्यों का उल्लेख भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न होए परेशानी में न हो और इस संकट की सबसे बड़ी चोट अगर किसी पर पड़ी है तो वो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस पूर्वी हिस्से में देश का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। उस पूर्वी हिस्से का विकास आवश्यक है। पूर्वी भारत के विकास को हमने प्राथमिकता दी है। पूर्वी भारत को राष्ट्र का विकास इंजन बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। प्रवासी मजदूरों को देखते हुए नए कदम उठाना आवश्यक हो गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिशा में चल रही कोशिशों का हवाला देते हुए कहा कि कहीं स्किल मैपिंग का काम हो रहा है कहीं माइग्रेशन कमीशन बनाने की बात हो रही है। केंद्र सरकार के फैसलों से भी गांवों में रोजगार और स्वरोजगार की संभावनाएं खुली हैं। इससे हमारे गांवए कस्बे और राज्य आत्मनिर्भर होंगे।

'रेलवे कर्मचारी भी कोरोना वॉरियर्स'

देश के सभी इलाकों से महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप के परिश्रम की भी अनगिनत कहानियां इन दिनों हमारे सामने आ रही हैं। गांवों कस्बों में, हमारी बहनें-बेटियां, हर दिन मास्क बना रही हैं। तमाम सामाजिक संस्थाएं भी इस काम में इनका सहयोग कर रही हैं।

उन्होंने कहा, "एक और बात जो मेरे मन को छू गई वो है संकट की इस घड़ी में इनोवेशन, गांवों से लेकर शहरों तक, छोटे व्यापारियों से लेकर स्टार्टअप तक, हमारी लैब कोरोना से लड़ाई में, नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं, नए इनोवेशन कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि रेलवे कर्मचारी भी कोरोनावारियर्स हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 संकट के बीच रेलवे ने ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने  देश सेवा में लगे  डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया कर्मियों की भी तारीफ की।

समयलाइव डेस्क/आईएएनएस
नयी दिल्ली


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