निर्भया केस: नया डेथ वॉरंट जारी, दोषियों को 20 मार्च को होगी फांसी

Last Updated 05 Mar 2020 02:57:02 PM IST

दिल्ली की अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट आज जारी कर दिया। अदालत ने फांसी के लिए 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे का समय निर्धारित किया है।


निर्भया के गुनहगार (फाइल फोटो)

दिल्ली सरकार ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को बताया कि दोषियों ने अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है, जिसके बाद अदालत ने फांसी के लिए 20 मार्च की नयी तारीख निर्धारित की।     

मौत की सजा का सामना कर रहे चारों दोषी-- मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) हैं।      

उनके वकील ने अदालत से कहा कि मौत की सजा के क्रियान्वयन की तारीख निर्धारित करने की कार्यवाही में अदालत के समक्ष अब कोई बाधा नहीं है।     

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चारों अभियुक्तों का एक साथ ही फांसी पर लटकाने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केन्द्र की अपील पर 23 मार्च को सुनवाई की जायेगी।   

पवन की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज किए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने बुधवार को अदालत का रुख कर दोषियों की फांसी के लिए नयी तारीख का अनुरोध किया था।      

दिल्ली सरकार ने अदालत से कहा था कि दोषियों के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो गए हैं और उनके पास अब कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है।      

अभियोजन के वकील ने भी कहा कि किसी नोटिस की जरूरत नहीं है।     

अदालत ने दोषियों की फांसी को सोमवार को अगले आदेश तक के लिए टाल दिया था। उन्हें बीते मंगलवार को फांसी दी जानी थी।       

इस तरह, मृत्यु वारंट अब तक तीन बार टालना पड़ा था।      

राष्ट्रपति ने मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिकाएं पहले ही खारिज कर दी हैं।      

अदालत के इस कदम के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, ‘‘20 मार्च की सुबह हमारे जीवन की सुबह होगी।’’ उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी दिए जाने तक संघर्ष जारी रहेगा और उम्मीद जताई कि 20 मार्च फांसी की आखिरी तारीख होगी।     

मामले में चारों दोषियों और एक किशोर सहित छह व्यक्ति आरोपी के तौर पर नामजद थे। छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।     

एक सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद 2015 में किशोर को रिहा कर दिया गया था।          

गौरतलब है कि निर्भया से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और उस पर बर्बरता से हमला किया गया था। निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी, जहां उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था। 

भाषा
नयी दिल्ली


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