सार्वजनिक वित्त प्रबंधन के मामले में पूरे विश्व में भारत अव्वल

Last Updated 01 Mar 2020 09:15:25 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) संबंधी प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी नवाचारों के बल पर भारत वित्त प्रबंधन में पूरे विश्व में एक ईमानदार, उत्तरदायी और पारदर्शी देश के रूप में स्थापित हो गया है।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां 44वें सिविल लेखा दिवस समारोह में उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि नयी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) ने देश के लिए एक लाख करोड़ रुपये बचाए हैं। वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि पीएफएमएस अब विभिन्न बहुपक्षीय और वैश्विक मंचों पर सार्वजनिक वित्त प्रबंधन के क्षेत्र में एक विशिष्ट ब्रांड के रूप में पहचानी जाने लगी है। उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियाँ प्रतीकात्मक नहीं हैं बल्कि इनका सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली पर वास्तविक और स्थायी प्रभाव पड़ा है।

श्रीमती सीतारमण ने लेखा महानियांत्रक की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि न केवल यह देश को अधिक दक्ष और प्रभावी बना रहा है, बल्कि सार्वजनिक वित्त का उपयोग करने में अधिक प्रभावपूर्ण भी बना रहा है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सीजीए का काम अस्पृहणीय है, क्योंकि अपने दृष्टिकोण में कुशल और प्रगतिशील होने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी को बनाए रखना एक निरंतर चुनौती है।

इस अवसर पर सचिव (व्यय) डॉ. टी. वी. सोमनाथन ने कहा कि भारतीय सिविल लेखा सेवा संगठन ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए 8.46 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को सीधे अपने बैंक खातों में प्रधानमंत्री किसान भुगतान को सक्षम करके अपनी तकनीकी क्षमता साबित की है। उन्होंने वैश्विक मानकों के अनुरूप सभी हितधारकों के लिए सार्वजनिक डोमेन में व्यय और खाता आंकड़ों को रचाने में प्रदर्शित की गई दक्षता और सटीकता के लिए सेवा की सराहना की।

लेखा महानियांक सोमा रॉय बर्मन ने कहा कि पीएफएमएस सरकार के लिए एक उपयोगी वित्तीय प्रबंधन उपकरण के रूप में विकसित हुआ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सेवा लगातार डिजिटल प्रौद्योगिकियों के प्रभावी उपयोग द्वारा भुगतान, प्राप्तियां, लेखा और आंतरिक लेखा परीक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने का प्रयास करेगी और अधिक प्रभावी वित्तीय प्रबंधन के लिए सरकार एकीकृत राजकोषीय प्रबंधन पण्राली (जीआईएफएमआईएस) के हिस्से के रूप में राजकीय रिपोर्टिंग प्रोटोकॉल में सुधार करेगी।



इस अवसर पर वित्त मंत्री ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रमुख लेखा कार्यालयों और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पीएओ/जेडएओ (सीबीडीटी) इकाई को सिविल लेखा सम्मान पुरस्कार भी प्रदान किए। इस समारोह में 15वें वित्त आयोग के सदस्य डॉ. अशोक लाहिड़ी और सेवानिवृत्त नियांक महालेखाकारों और भारतीय सिविल सेवा लेखा अधिकारियों ने भाग लिया।

वार्ता
नयी दिल्ली


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