जमीयत 10 जनवरी को सीएए और एनआरसी को लेकर करेगा बैठक
देवबंदी विचारधारा के मुस्लिमों के सबसे बड़े सामाजिक और धार्मिक संगठन जमीयत उलमाए हिंद (अरशद मदनी गुट) का शीर्ष नेतृत्व नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर देश में उत्पन्न हालात पर आगामी शुक्रवार 10 जनवरी को बैठक करेगा।
दारूल उलूम देवबंद के कुलपति अबुल कासिम नोमानी |
दारूल उलूम देवबंद के कुलपति अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने आज संवाददाताओं से कहा कि दारूल उलूम हदीस के वरिष्ठ उस्ताद और जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने जमीयत के आला पदाधिकारियों की एक बैठक इस शुक्रवार 10 जनवरी को नई दिल्ली स्थित जमीयत के केंद्रीय कार्यालय पर बुलाई है।
कुलपति नौमानी ने कहा कि इस बैठक में दारूल उलूम की ओर से वह भी शामिल होंगे और अपने विचार रखेंगे।
जमीयत अध्यक्ष मदनी के मुताबिक सीएए और एनआरसी को लेकर देश में सांप्रदायिकता पैदा करने की कोशिशें हो रही हैं जबकि आज देश की एकता, अखंडता और भाईचारा को मजबूत करने की जरूरत है। मदनी ने कहा कि इन दो मुद्दों पर देश की युवा पीढ़ी को जागरूक किए जाने की बेहद आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि देश में लोकतां और सांप्रदायिक सौहार्द् को पूरी ताकत के साथ मजबूत किया जाना चाहिए। जमीयत का महमूद मदनी गुट देवबंद में 20 दिसंबर से सीएए के खिलाफ जेल भरो आंदोलन चला रहा है। इस गुट के समर्थक पिछले 15 दिन में 1400 लोगों की गिरफ्तारियां दे चुके हैं।
दूसरी ओर मौलाना अरशद मदनी की अगुवाई वाली जमीयत और दारूल उलूम देवबंद दोनों इस मुद्दे पर खामोशी अख्तियार किए हुए हैं। अकेले देवबंद नगर में करीब 16000 छात्र इस्लामिक शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण करते हैं। मंडलीय और जिलाधिकारी के अनुरोध पर कुलपति अब्दुल कासिम नौमानी अभी तक मदरसा छात्रों को आंदोलन से दूर रखने में सफल रहे हैं और इसका सकारात्मक असर देवबंद के मुस्लिम आवाम पर भी पड़ा है।
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