सरकार ने आज राज्यसभा में कहा कि चन्द्रयान 2 मिशन को विफल कहना न्यायोचित नहीं होगा।
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प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंी जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि दुनिया का कोई भी देश दो प्रयास के बाद ही चन्द्रमा की सतह पर उतरने में कामयाब हुआ है। अमेरिका भी आठवीं बार चांद पर साफ्ट लैंडिंग कर पाया था। बिना प्रमाण के इस मिशन को विफल नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने कहा कि चन्द्रयान का प्रक्षेपण, लैंडर का अलग होना, ऊंचाई बढाने और ब्रेकिंग प्रणाली आदि सफल रही। इसके आठ वैज्ञानिक उपकरण अपने डिजाइन के अनुसार काम कर रहे हैं और आंकड़े भी भेज रहे हैं। सटीक प्रक्षेपण और कुछ अन्य कारणों से आर्बिटर की मिशन अवधि बढाकर सात साल कर दी गयी है।
सिंह ने कहा कि चन्द्रयान 2 को चांद पर उतारने की प्रक्रिया चन्द्रमा की सतह से 30 किलोमीटर से 7/4 किलो मीटर की उंचाई पर पूरा किया गया। इसकी गति को 1683 मीटर प्रति सेकेंड से घटाकर 146 मीटर प्रति सेंकेंड किया गया। चन्द्रमा पर उतरने के दूसरे चरण के दौरान उसकी गति अनुमानित गति से अधिक थी। जिसके कारण चन्द्रयान निर्धरित स्थल से 500 मीटर की सीमा में विक्रम का हार्ड लैँडिंग हुआ। उन्होंने बताया कि आर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ चन्द्रयान 2 का सफल प्रक्षेपन गत 22 जुलाई को हुआ था। यह यान 20 अगस्त को चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।
उन्होंने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग हाउसिंग खास कर स्मार्ट सिटी, रेलवे लाइन, जीयो मनरेगा, वन और मृदा की गुणवत्ता के क्षेा में कर रही है।
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