ममता का मोदी से मिलना राजीव कुमार को बचाने की हताश कोशिश : विजयवर्गीय
प्रधानमंत्री से मिलने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली रवाना होने पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को बचाने की आखिरी कोशिश के तहत नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय |
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यह दावा भी किया कि ममता इस बात से वाकिफ हैं कि ‘पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की गिरफ्तारी के बाद करोड़ों रुपये के सारदा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में उनकी (ममता की) आधी कैबिनेट जेल चली जाएगी।’
राज्य सचिवालय सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बुधवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले, हर मुद्दे पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया करती थी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि उन्हें नहीं लगता कि उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर मोदीजी का सम्मान करने की जरूरत है। वह (मोदी के) शपथ ग्रहण समारोह, नीति आयोग की बैठक और मुख्यमंत्रियों की बैठक में शामिल नहीं हुई।’’
विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह अचानक प्रधानमंत्री मोदी से मिलना क्यों चाह रही हैं, क्या कोई अनुमान लगा सकता है।’’
भाजपा नेता ने कहा कि कुमार और पार्टी के अन्य नेताओं को बचाने की ममता की कोशिश फलीभूत नहीं होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ममता राजीव कुमार को बचाने के लिए हताश कोशिश कर रही हैं क्योंकि वह (ममता) इस बात से भलीभांति अवगत हैं कि उनकी गिरफ्तारी के बाद उनकी (ममता की) आधी कैबिनेट जेल चली जाएगी। लेकिन घोटाले से राजीव कुमार और पार्टी के नेताओं को बचाने की उनकी कोशिशों का कोई परिणाम नहीं निकलेगा।’’
पिछली बार 25 मई 2018 को मोदी और ममता की मुलाकात शांतिनिकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हुई थी।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने दावों को बेबुनियाद करार दिया और पार्टी ने कहा कि राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री से मिलना ममता का अधिकार है।
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘एक संघीय ढांचे में किसी राज्य के मुख्यमंत्री के पास यह अधिकार होता है कि वह प्रधानमंत्री से मिलें। प्रस्तावित मुलाकात का लक्ष्य राज्य से जुड़े विकास के मुद्दे पर चर्चा करना है।’’
गौरतलब है कि सारदा पोंजी घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता और कुमार सीबीआई की जांच के दायरे में हैं।
कुमार फिलहाल राज्य सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक हैं।
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