पाकिस्तान से पानी छोड़े जाने पर पंजाब में बाढ़ का खतरा

Last Updated 26 Aug 2019 05:28:44 PM IST

पाकिस्तान द्वारा भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण पंजाब के फिरोजपुर जिले में सतलज नदी का एक महत्वपूर्ण तटबंध सोमवार तड़के टूट गया, जिसके कारण कम से कम 17 गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।


पंजाब के फिरोजपुर जिले में सतलज नदी

पिछले तीन दिनों से स्थानीय अधिकारियों के साथ ही भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय लोगों की सहायता से सतलज नदी के तट पर स्थित तेंदिवाला गांव में 50 फुट के तटबंध को मजबूत करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है।

एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि पाकिस्तान की ओर से आने वाले पानी के तेज प्रवाह के कारण सतलज के दक्षिणी तट पर भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित 17 गांवों में बाढ़ का खतरा है।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को जल संसाधन विभाग से कहा कि वह आसपास के गांवों में बाढ़ को रोकने के लिए तटबंध मजबूत करने से संबंधित एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करे।

राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए यहां एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने तटबंध की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश जारी किए।

मुख्यमंत्री ने फिरोजपुर के उपायुक्त को बाढ़ से पैदा होने वाली किसी भी तरह की जरूरत को पूरा करने के लिए एनडीआरएफ की टीमों को तैयार रहने का निर्देश दिया।

उपायुक्त चंदर गैंद ने कहा कि माखू और हुसैनीवाला क्षेत्र के 15 बाढ़ प्रभावित गांवों से 500 लोगों को निकाला गया है और 630 लोगों को आवश्यक चिकित्सा सहायता दी गई है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि पाकिस्तान ने अपने चमड़ा उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पानी को सतलज में छोड़ा है, जिसने उनके गांवों में कहर ढा रखा है।

सतलज का पानी एक संकरी खाड़ी के जरिए पाकिस्तान में प्रवेश करता है और नदी के प्राकृतिक रास्ते के कारण इसकी एक सहायक नदी तेंदिवाला गांव के पास वापस भारत की ओर बहती है।

इस मौसम में पाकिस्तान के कसूर जिले में चमड़े की फैक्ट्रियों से निकलने वाला अत्यधिक जहरीला कचरा भारत की ओर आ रहा है।

इसकी वजह से सीमा से लगे गांवों में त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। यहां तक कि इससे पशु भी प्रभावित हुए हैं।



पाकिस्तान द्वारा छोड़े जा रहे पानी के कारण अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित भारत का अंतिम गांव गत्ती राजोक सर्वाधिक प्रभावित हुआ है।

आईएएनएस
चंडीगढ़


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